जालंधर, (punjabprotv) : करतारपुर-कपूरथला रोड पर स्थित गांव बसरामपुर में निर्माणाधीन दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे में मशीन ठीक करने बोरवेल में उतरे मैकेनिक को 44 घंटे बाद बाहर निकाला गया। उन्हें सिविल अस्पताल जांलधर पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शनिवार रात आठ बजे फंसे हरियाणा के जींद निवासी सुरेश को सोमवार शाम 3:55 बजे बाहर निकाला गया। सत्यवान ने कहा कि गड्ढे से निकालने के बाद उन्हें भाई को देखने भी नहीं दिया गया।
सुरेश को 55 वर्षीय साथी पवन कुमार, एनडीआरएफ के गुलशन और मनोज ने गड्ढे से बाहर निकाला। इससे पहले दो बजकर 50 मिनट पर भी टीम रेस्क्यू करने नीचे गई थी, तब सुरेश रेत में बुरी तरह से फंसा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पता चलेगा कि मौत कब और कैसे हुई है। सुरेश के हाथ पर चोट के निशान मिले हैं, जिसे डॉक्टर खुदाई के दौरान लगे होने की आशंका जता रहे हैं।