अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में पांच सिंह साहिबों की सभा में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह के अलावा श्री दरबार साहिब के ग्रंथी गुरमिंदर सिंह और श्री हजूर साहिब के मीत जत्थेदार राम सिंह शामिल हुए।
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसमें गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा इंदौर की चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने के आरोप जगजीत सिंह (सुगा नामजद सदस्य, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, इंदौर, मध्य प्रदेश) को श्री अकाल तख्त साहिब में हाजिर होने के लिए बार-बार बुलाया गया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए, जिस पर पांच सिंह साहिबानों ने इनकी प्रबंधक कमेटी में से मैंबरशिप खारिज कर दी है। सिंह साहिबानों ने आदेश दिया कि जब तक जगजीत सिंह गुरुद्वारा चुनाव संबंधी किए केस वापस नहीं लेते और श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर अपनी भूल नहीं बख्शाते, तब तक संगत इनको मुंह नहीं लगाएगी।
इसके अलवा गुरुद्वारा कलगीधर साहिब कैनाल कालोनी, मुल्तानियां रोड, बठिंडा में पिछले बीते समय दौरान 2 लड़कियों की श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में शादी करवाकर समलैंगिक विवाह करवाने संबंधी फैसला हुआ कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सदा के लिए प्रबंध चलाने के अयोग्य करार दिया जाता है, ये किसी भी गुरुद्वारा साहिब के प्रबंध में नहीं आएंगे। इसके अलावा नई अमृतधारी प्रबंधक कमेटी का चुनाव करने और मुख्य ग्रंथी हरदेव सिंह, ग्रंथी अजायब सिंह, रागी सिकंदर सिंह, तबला वादक सतनाम सिंह को सिख रहित मर्यादा की उल्लंघना करने के आरोप में पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया। ये किसी भी गुरुद्वारा साहिबान और धार्मिक समागमों में ड्यूटी नहीं करेंगे।
पांच सिंह साहिबान द्वारा गुरुद्वारा सिंह सभा, मिआणी रोड, दसूहा जिला होशियारपुर के केस में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अकाल तख्त साहिब में बार-बार बुलाने पर हाजिर नहीं हुई, जिस पर पांच सिंह साहिबान ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह, मीत प्रधान जोगिंद्र सिंह व सचिव कमलप्रीत सिंह को प्रबंध चलाने के अयोग्य करार किया है।
श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर बुरे गुनाह की माफी मांगे दर्शन सिंह गुमटाला
दर्शन सिंह गुमटाला के केस में पांच सिंह साहिबान ने फैसला किया कि यह व्यक्ति पांच सिंह साहिबों की उपस्थिति में श्री अकाल तख्त साहिब के सामने अपना गुनाह कबूले और गुरु पंथ, गुरु ग्रंथ और संगत से माफी मांगनी चाहिए। जब तक यह संगत सामने माफी नहीं मांगता, तब तक यह कथा कीर्तन करने का अधिकारी नहीं है।