सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह दिल्ली में मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति के लिए नाम सुझाए. इन नामों में से दिल्ली सरकार कोई नाम चुनेगी. दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री नरेश कुमार 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि उसकी सहमति के बिना केंद्र नरेश कुमार को सेवा विस्तार देने या नए चीफ सेकेट्री की नियुक्ति का फैसला न ले.
कोर्ट ने नाम सार्वजनिका करने से किया मना
केंद्र सरकार की तरफ से मंगलवार को कोर्ट के सामने अधिकारियों के नाम रखे जाने की उम्मीद है. कोर्ट ने दोनों पक्षों से यह भी कहा कि इन नामों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक न किया जाए, क्योंकि इससे उनके करियर पर गलत असर पड़ सकता है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब केंद्र सरकार दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी पद के लिए नाम कोर्ट को बताएगी. इसक साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय सक्सेना साथ बैठकर हल क्यों नहीं निकालते.
28 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी. आज की सुनवाई में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति हमेशा दिल्ली सरकार ही करती है. मैं जिस पर आपत्ति जता रहा हूं वह एलजी का एकतरफा फैसला है.”
इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली सेवा विधेयक का जिक्र करते हुए कहा, “केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संशोधन से पहले भी ये नियुक्तियां की थीं.” जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट कहा कि आखिर दिल्ली के सीएम और एलजी मिलते क्यों नहीं हैं.