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केंद्र सरकार का महाघोटाले को लेकर Action!!

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जालंधर  लोकसभा सीट प्रभारी के तौर पर पिछले दिनों शहर  पहुंचे केंद्र सरकार के कानून और विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाजपा नेताओं के कहे अनुसार केंद्रीय आवास मंत्री हरदीप पुरी को एक पत्र लिखकर जालंधर स्मार्ट सिटी में पिछले समय दौरान हुए महाघोटाले बारे विस्तार से जानकारी दी थी और आवश्यक  कार्रवाई की मांग की थी ।

अर्जुन मेघवाल द्वारा साथी मंत्री हरदीप पुरी को लिखे गए इस पत्र का असर यह हुआ है कि केंद्र सरकार ने अब इस मामले में पहला एक्शन लेते हुए जालंधर स्मार्ट सिटी के मौजूदा अफसरों को पत्र लिखकर सारी रिपोर्ट तलब कर ली है । इन दिनों जालंधर नगर निगम और जालंधर स्मार्ट सिटी के अफसर पुराने और नए प्रोजैक्टों की फाइलों को खंगाल कर स्मार्ट सिटी में पिछले समय दौरान हुई गड़बड़ियों की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं ।  इसकी पुष्टि खुद निगम कमिश्नर आदित्य उप्पल ने आज पत्रकारों से विशेष बातचीत दौरान की।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को जो  पत्र लिखा है उसमें मांग की गई है कि जालंधर स्मार्ट सिटी में केंद्र सरकार के पैसों के दुरुपयोग और उनमें हुए भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की निष्पक्ष जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए और इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को जल्द निर्देश भेजे जाएं। पत्र में उन्होंने लिखा था  कि जालंधर स्मार्ट सिटी और जालंधर नगर निगम के कुछ अधिकारियों , ठेकेदारों और राज नेताओं ने सरकारी ग्रांट में भ्रष्टाचार किया । इस भ्रष्टाचार से संबंधित व्यक्तियों विरुद्ध आवश्यक और कड़ी कार्रवाई की जाए । माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में जितना जल्द फैसला लिया है , उससे स्पष्ट है कि आने वाले संसदीय चुनावों में ही जालंधर स्मार्ट सिटी के महा घोटाले को भाजपा मुख्य  मुद्दा बन सकती है और इस मामले में केंद्र सरकार कोई बड़ा एक्शन भी लेने जा रही है । आने वाले समय में जालंधर स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्टों  में हुई गड़बड़ियों की जांच का जिम्मा  सी.बी.आई , ई.डी या किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपा  जा सकता है ।

विजीलैंस का डर भी बरकरार , कोई अफसर फाईलों को हाथ नहीं लगा रहा
भगवंत मान सरकार ने जालंधर स्मार्ट सिटी में कांग्रेस सरकार दौरान हुए घोटालों की विजीलैंस जांच के आदेश दे रखे हैं । जांच के आदेशों को भी करीब डेढ़ साल होने को हैं ,  इसके  बावजूद भी विजिलैंस ब्यूरो के जालंधर यूनिट ने इस दिशा में कोई खास काम नहीं किया और सारी फाईलें जालंधर विजीलैंस ब्यूरो पास पैंडिंग ही पड़ी हुई हैं । जांच में हो रही इस देरी के चलते अब जालंधर स्मार्ट सिटी के ज्यादातर घोटाले दबते हुए प्रतीत हो हुए । आरोप लग रहे हैं कि स्मार्ट सिटी में पिछले समय दौरान रहे अफसरों ने जहां ज्यादातर चीजों को मैनेज  कर लिया है  , वहीं  घटिया काम करने वाले ठेकेदारों ने भी रिपेयर इत्यादि के काम करके घोटालों पर पर्दा डालने का काम कर लिया  है ।

विजिलैंस अधिकारियों का कहना था  कि स्मार्ट सिटी के ज्यादातर काम कन्स्ट्रक्शन  से संबंधित हैं परंतु विजिलेंस ब्यूरो के पास टेक्निकल टीम उपलब्ध नहीं है जो कन्स्ट्रक्शन  से संबंधित कामों की जांच इत्यादि करके रिपोर्ट दे सके इसलिए विजिलैंस  ने पंजाब सरकार को लिखकर दे दिया था  कि उसे टेक्निकल टीमें  उपलब्ध करवाई जाएं  । इस मामले में  आप सरकार के चंडीगढ़ बैठे अफसरों ने  अभी तक टैक्निकल टीमें ही नहीं भेजीं ।इसका असर यह हुआ है विजीलैंस का डर अभी बरकरार है । इसी कारण आज कोई भी अफसर स्मार्ट सिटी की किसी भी फाईल को हाथ नहीं डाल रहा ताकि उसे भविष्य में विजीलैंस की पूछताछ का  शिकार न होना पड़े ।इसी कारण प्रोजैक्ट भी अटके हुए हैं । सी.ई.ओ आदित्य उप्पल का कहना है कि वह जल्द ही विजीलैंस अधिकारियों से मिलकर जल्द से जल्द फैसला देने की मांग करेंगे ताकि प्रोजैक्ट सिरे तो चढ़ सकें ।

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