कतर की जेल में बंद पूर्व नौसैनिकों की रिहाई और वतन वापसी के मसले पर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मौत की सजा से घर वापसी तक: यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है और इस तथ्य का प्रमाण है कि हमारी विदेश नीति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सक्षम हाथों में है. प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने फिर असंभव को संभव कर दिखाया है. शांत रहें और विश्वास रखें. कतर से लौटे पूर्व नौसैनिकों के परिवार को बधाई.” दरअसल, अरब देश कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व जवानों को दोहा की एक अदालत ने सोमवार (12 फरवरी) को रिहा किया जिनमें 7 भारत भी लौट आए. दोहा के अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज के साथ काम करने वाले भारतीय नौसेना के इन पूर्व जवानों को पिछले साल 28 दिसंबर को कतर की अपील अदालत ने राहत दी थी. अदालत ने तब अक्टूबर 2023 में इन्हें दी मौत की सजा को कम करते हुए 3 साल से लेकर 25 साल तक की अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी. इस पूरी जीत का क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री जयशंकर को दिया जा रहा है.
कौन हैं शेहला रशीद?
जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद पहली बार तब चर्चा में आई थीं जब 2016 में जेएनयू कैंपस में कथित तौर पर कुछ छात्रों ने भारत विरोधी नारेबाजी की थी. पूरे मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद की गिरफ्तारी भी हुई थी. गिरफ्तारी के बाद शेहला रशीद ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पूर्व में शेहला समय-समय पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करती नजर आई हैं. हालांकि, पिछले कुछ साल में उनमें सोच और बयानों में काफी बदलाव नजर आया. ताजा टिप्पणी से पहले भी कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ कर चुकी हैं. कश्मीर के बदलावों-सुधारों को भी वह कई बार सकारात्मक बता चुकी हैं.