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‘किसान संगठन अपना घर जला दूसरों को हाथ सेंकने का न दें मौका…’

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भारतीय जनता पार्टी के प्रधान सुनील जाखड़ ने किसानी संघर्ष में मारे गए युवा शुभकरण की मौत पर सवाल खड़े किए हैं। शुभकरण को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए जाखड़ ने कहा, आखिर युवा किसान की मौत के लिए वो लोग जिम्मेदार नहीं जिनके भरोसे वह किसानी संघर्ष में शामिल हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा को मिलने वाली किसानी बाकी लोगों के आंखों में खटकती है।

दूसरे राज्य के लोग पंजाब के किसानों को फूंक देकर उन्हें मरने के लिए बॉर्डर पर ला रहे है। क्या उन राज्यों के लोगों ने चूड़ियां पहन रखी है। वह क्यों नहीं अपने यहां पर संघर्ष करते हैं। पंजाब के किसान उनकी मदद करेंगे। पार्टी दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाखड़ ने कहा, पंजाब में एमएसपी लागू है। यह बात बाकी के राज्यों के किसानों को चुभती है। वह अपनी लड़ाई क्यों नहीं लड़ते। पंजाब के किसानों को हवा देकर सीमा पर खड़ा कर देते है।

किसान संगठन से पूछे सवाल

जाखड़ ने कहा, जिस डाल पर बैठे हैं, उसे काटा नहीं जाता है। अपना घर जलाकर दूसरों के हाथ नहीं सेंके जाते। जाखड़ ने कहा, मैं पहले किसान हूं, किसी पार्टी का प्रधान बाद में। किसान संगठन बताएं कि 23 फसलों पर एमएसपी लागू होने पर वह कौन सी फसल उगाएंगे। ऐसी स्थिति में मैं किसानों के साथ केंद्र सरकार के पास जाऊंगा। फिर चाहे मुझे पार्टी से निकाल ही क्यों न दिया जाए।

पंजाब के लोगों को अपनी बहादुरी के लिए सर्टिफिकेट की नहीं जरूरत: जाखड़

भाजपा प्रधान ने कहा कि पंजाब के नौजवानों को श्रंगार करके मरवाना बंद करना चाहिए। पंजाब के लोगों को अपनी बहादुरी के लिए किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। जाखड़ ने कहा कि युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि दूसरे राज्यों से आकर लोग हमें भड़का रहे है। बाद में यही लोग हमें आतंकी बताएंगे। एक सवाल के जवाब में जाखड़ ने कहा, 2014 में पंजाब में 118 लाख टन धान 1310 रुपये एमएसपी पर खरीदी गई। जिससे किसानों को 15,511 करोड़ रुपये मिले। 2023 में 185 लाख टन धान 2,183 रुपये एमएसपी पर खरीदी गई। जिससे 40,385 करोड़ रुपये किसानों के खाते में आई। असली वजह ही यही है। बाकी के राज्यों के किसान नेताओं को यह बात चुभ रही है। क्योंकि अगर पूरे देश में एमएसपी लागू होती है तो इसका लाभ उन्हें होगा। न की पंजाब को और भावांतर योजना के तहत एमएसपी से कम कीमत पर फसल खरीदे जाने की सीमा 5 एकड़ तक है। पंजाब के किसान संगठनों को क्या यह मंजूर होगा। जाखड़ ने राजनीतिक पार्टियों को भी कहा कि वह इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटियां न सेंके। क्योंकि मर पंजाब का युवा रहा है।

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