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Kanwar Yatra के लिए Barabanki, Ayodhya and Raebareli में बदले मार्ग से गुजरेंगे वाहन, ये है व्यवस्था

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कांवड़ यात्रा के लिए कई जिलों में रूट डायवर्ट किया गया है। इन रास्तों पर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है।

सावन मास के साथ ही कांवड़ यात्रा भी आज से शुरू हो गई है। कांवड़ियों की सुविधा के लिए बाराबंकी, अयोध्या, रायबरेली, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, सहारनपुर, वाराणसी समेत कई अन्य जिलों में कांवड़ यात्रा मार्ग पर रूट बदला गया है। कई मार्गों पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

बाराबंकी में बहराइच व गोंडा से आने वाले भारी वाहनों को मरकामऊ होते हुए सफदरगंज के रास्ते बाराबंकी-लखनऊ की ओर डायवर्ट किया जाएगा। बाराबंकी की ओर से लोधेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले वाहनों को केसरीपुर बैरियर के पास रोका जाएगा।

रायबरेली में 11 दिनों तक यातायात बदला रहेगा। शहर के भीतर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। रायबरेली से डलमऊ होकर हसनगंज, फतेहपुर, उन्नाव, कानपुर जाने वाले भारी वाहन गुरुबक्शगंज, गेगासो होते हुए जाएंगे।रायबरेली से दरियापुर, मुंशीगंज होते हुए सलोन से प्रतापगढ़ जाने वाले भारी वाहन रायबरेली से जगतपुर वाया ऊंचाहार से अरखा और वहां से नवाबगंज होकर प्रतापगढ़ जाएंगे। ऊंचाहार, डलमऊ, गदागंज क्षेत्र का यातायात बदला है। अयोध्या में सावन के पहले सोमवार पर चार पहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

कांवड़ यात्रा मार्गों पर व्यवस्था खराब मिली तो नपेंगे जिम्मेदार

नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर सफाई, रोशनी और अन्य सुविधाओं में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर लापरवाही मिली तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वे रविवार को कांवड़ मार्गों पर निकायों की तरफ से की जाने वाली व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।वर्चुअल समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर अव्यवस्था की कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न होने पाए। मार्गों पर कहीं पर भी गंदगी न होने पाए और न ही रोशनी का अभाव रहे।

विद्युत आपूर्ति बाधित न हो, लाइन जर्जर और पोल झुके हुए नहीं होने चाहिए। खंभों की अर्थिंग भी चेक करवाएं। जहां कहीं पर भी सड़क किनारे लाइन नीचे हो या सड़क के पास हो वहां पर सावधानी के बोर्ड भी लगाएं। कांवड़ मार्गों के शिविरों को समय से विद्युत कनेक्शन दें।

श्रद्धालुओं को बीमारियों से बचाने के लिए चूना, ब्लीचिंग पाउडर और दवा का छिड़काव करें। शिवालयों के पास मोबाइल टॉयलेट बनाएं। सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों में भी पर्याप्त सफाई सुनिश्चित करें। कांवड़ मार्गों पर निराश्रित पशु नहीं दिखने चाहिए, इनका उचित प्रबंधन करें। मंत्री ने कंट्रोल रूम बनाने और जलाभिषेक के वक्त निर्बाध बिजली आपूर्ति के भी निर्देश दिए हैं।

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