पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के विदाई समारोह में सीएम भगवंत मान शामिल नहीं होंगे।
दो साल से मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच रिश्तों की दरार उनकी विदायगी तक थमती नजर नहीं आ रही है। अब इसे संयोग कहा जाए या रिश्तों में बनी दीवार… मुख्यमंत्री भगवंत मान इस विदायगी पार्टी का हिस्सा नहीं होंगे।
राजभवन में पंजाब सरकार की ओर से राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की विदायगी पार्टी का समारोह है, जिसमें मुख्यमंत्री की जगह पर वित्तमंत्री हरपाल चीमा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा शामिल होंगे। पता चला है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान कल आईएनडीआई गठबंधन की ओर से जंतर-मंतर पर दिए जा रहे धरने में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
भगवंत मान जंतर मंतर धरने में होने जा रहे शामिल
यह धरना दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और जेल में उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर जंतर-मंतर पर दिया जा रहा है। जब दिल्ली में यह धरना दिया जा रहा होगा, तब राजभवन में राज्यपाल को विदायगी पार्टी दी जाएगी। इस पार्टी का आयोजन पंजाब सरकार की ओर से किया जा रहा है जिसमें मंत्री, विधायक और अधिकारी भी शामिल होंगे।
सीएम मान के साथ बनवारी लाल का 36 का आंकड़ा
बनवारी लाल पुरोहित पंजाब में तीन साल तक राज्यपाल रहे हैं और इनमें से दो साल के लगभग उनका मुख्यमंत्री भगवंत मान से 36 का आंकड़ा रहा है। हालांकि ऊपर ऊपर से दोनों ही एक दूसरे की प्रशंसा भी करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री अक्सर कहते रहते हैं कि वह राज्यपाल का बहुत आदर करते हैं। वह मेरे बडे़ हैं.. जब भी मिलते हैं मैं उनके पांव छूता हूं। प्रशंसा करने में राज्यपाल भी कभी पीछे नहीं रहे ।
तीन दिन पहले दोनों ने एक-दूसरे की तारीफ की
तीन दिन पहले जब उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस की तो कहा..मैं हर समारोह में एक विशेष अधिकारी को भेजकर मुख्यमंत्री को अपने समारोह में निमंत्रित करता हूं।
हां, यह अलग बात है कि वह कभी आते हैं कभी नहीं। एक दूसरे की प्रशंसा में उच्च पदों पर बैठे भगवंत मान और बनवारी लाल पुरोहित के बीच इस तरह के कसीदे कम ही सुनने को मिलते रहे हैं। ज्यादातर खबरें एक दूसरे को नीचा दिखाने की लगती रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी दोनों की तकरार
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसिस के वीसी लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद , विधानसभा के सत्र बुलाने, बिलों को पारित न करने, अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजने आदि जैसे कई विवाद इसमें जुड़ते गए।
मुख्यमंत्री और राजभवन के बीच कई पत्रों का आदान प्रदान हुआ। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा जहां दोनों को फटकार लगने के बाद भी यह खत्म नहीं हुआ।
बीते डेढ़ सल में बनवारी लाल पुरोहित ने किए सात दौरे
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पिछले डेढ़ साल में सीमावर्ती जिलों के सात दौरे किए जिनमें ड्रग्स, अवैध खनन जैसी कई समस्याएं सामने आई तो उन्होंने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान को राज्यपाल के सीमावर्ती जिलों के दौरे करने को लेकर परेशानी थी।
उन्होंने कई बार राज्यपाल पर कटाक्ष भी किया। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को हटाए जाने से एक दिन पूर्व भी इसी तरह का कटाक्ष मुख्यमंत्री ने किया था जिसका जवाब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दिया।
इससे पहले फरवरी महीने में राज्यपाल ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास कर दी थी और दो दिन पहले जब वह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने इस्तीफे का कारण बता रहे थे तब शायद किसी को ख्वाब-ओ-ख्याल में भी नहीं था कि उनके इस बयान के मात्र एक दिन बाद ही उनको पद से हटा दिया जाएगा।
सीएम मान राज्यपाल की विदायगी में नहीं होंगे शामिल
राज्यपाल के तीन साल के कार्यकाल में दो साल जिस प्रकार उनका मुख्यमंत्री के साथ रिश्ता रहा उस रिश्ते का पटापेक्ष भी उसी रूप में हो रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्यपाल की विदायगी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
गुलाबचंद कटारिया कल शाम पहुंचेंगे चंडीगढ़ उधर, पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी कल शाम चार बजे चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। उनका स्वागत करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में वित्तमंत्री हरपाल चीमा और अमन अरोड़ा को सौंपी गई है। वह 31 जुलाई को शपथ लेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।