लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा सीटों के उप-चुनाव काफी अहमियत रखते हैं
पंजाब में सरकार द्वारा कार्पोरशन चुनाव संभवतः 4 विधानसभा सीटों के उप-चुनाव के बाद करवाए जाएंगे। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का ध्यान इस समय पूरी तरह से 4 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तरफ लगा हुआ है। इन विधानसभा सीटों के उपचुनाव अक्तूबर महीने में प्रस्तावित हैं। चुनाव आयोग द्वारा संभवतः ये उपचुनाव हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों के साथ करवाए जाएंगे।
पंजाब में 4 विधानसभा सीटें बरनाला, चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक तथा गिद्दड़बाहा खाली हुई थीं क्योंकि इन सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक सांसद निर्वाचित हो गए थे जिनमें बरनाला से गुरमीत सिंह मीत हेयर, चब्बेवाल से डा. राज कुमार चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक से सुखजिंद्र सिंह रंधावा तथा गिद्दड़बाहा से राजा अमरिंद्र सिंह वडिंग शामिल हैं। ये विधायक क्रमशः संगरूर, होशियारपुर, गुरदासपुर तथा लुधियाना से सांसद चुने गए हैं जिस कारण उनकी विधानसभा सीटें खाली हो गई थीं। जालंधर वैस्ट विधानसभा हलके का उप-चुनाव आम आदमी पार्टी ने जीत लिया था। अब आम आदमी पार्टी तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान की नजरें 4 विधानसभा सीटें जीतने की तरफ हैं।
लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा सीटों के उप-चुनाव काफी अहमियत रखते हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निकटवर्तियों का मानना है कि उप- चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी को कार्पोरेशन चुनाव जीतने में आसानी होगी और विधानसभा सीटों के उप-चुनाव के नतीजे पक्ष में आने से एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी जनता के बीच में चला जाएगा।जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला तथा अन्य कार्पोरेशनों के चुनाव होने हैं। अक्तूबर महीने में अगर 4 विधानसभा सीटों के उपचुनाव हो जाते हैं तो फिर सरकार दिसम्बर तक कार्पोरेशन चुनाव करवाने की स्थिति में होगी। कार्पोरेशन चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसके बाद शहरों में निचले स्तर तक राजनीतिक शक्ति निर्वाचित प्रतिनिधियों के हाथों में सौंपी जा सकेगी। पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से कार्पोरेशन के चुनाव किसी न किसी कारणों से लटकते चले आ रहे हैं।