राज्य की अधिकतर म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल दिसम्बर 2022 में खत्म हो चुका है।
पंजाब में पंचायतों के चुनाव करवाए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर पंजाब के एडवोकेट जनरल ने हाई कोर्ट को आश्वासन दे दिया है कि सितंबर तक पंचायतों के चुनाव करवा लिए जायेंगे।
पंजाब के एडवोकेट जनरल द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका का निपटारा कर दिया है, लेकिन साथ ही याचिकाकर्ता को छूट दे दी है कि अगर सरकार सितंबर तक पंचायतों के चुनाव नहीं करवाती है तो वे दोबारा अपनी इस मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। बता दें कि फरवरी से पंजाब के पंचायतों के चुनाव पेंडिंग हैं।
कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन
दूसरी तरफ पंजाब के नगर निगमों और नगर परिषदों के चुनाव करवाने की मांग को लेकर दाखिल दो अन्य याचिकाओं पर सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्तों का समय मांगा है। पंजाब सरकार ने पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल व कमेटी के चुनाव कराने की मांग की।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया कि वार्डबंदी को लेकर कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
जल्द से जल्द चुनाव करवाने की हाईकोर्ट से मांग
इस मामले में मलेरकोटला निवासी बेअंत सिंह ने दायर जनहित याचिका में हाई कोर्ट को बताया कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल कई महीनों पहले खत्म हो चुका है। कई का तो कार्यकाल खत्म हुए दो साल से ही ज्यादा का समय हो चुका है।
जिसके कारण यहां के सभी विकास कार्य रुके पड़े हैं, इसलिए इन सभी के जल्द से जल्द चुनाव करवाने की हाईकोर्ट से मांग की गई है।
सरकार की तरफ से नहीं मिला जवाब
याचिका के अनुसार राज्य की अधिकतर म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल दिसम्बर 2022 में खत्म हो चुका है। लेकिन अभी तक चुनाव नहीं कराए गए। कोर्ट को बताया गया कि एक अगस्त 2023 को स्थानीय निकाय विभाग ने म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनाव करवाने के लिए अधिसूचना जारी की थी जो एक नवम्बर 2023 को आयोजित करने थे।
लेकिन आज तक चुनाव नहीं करवाए गए। याचिका के अनुसार उसने सरकार को यह चुनाव करवाने के लिए पांच जुलाई को एक कानूनी नोटिस भेजा था लेकिन सरकार की तरफ से उसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।
सरकार को चुनाव करवाने के निर्देश देने की मांग
इसलिए अब उसे मजबूरी में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार को चुनाव करवाने के निर्देश देने की मांग की है। उसके अनुसार संविधान के अनुसार म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव उसकी अवधि खत्म होने से पहले करवाने जरूरी होते हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और फगवाड़ा नगर निगम के चुनाव भी सरकार ने नहीं कराया है। इसको लेकर भी एक अन्य याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है।