मनु भाकर की दो बार ओलंपिक पदक विजेता बनने में जसपाल राणा की महत्वपूर्ण भूमिका ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) को उनकी वापसी पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है।
मनु भाकर की दो बार ओलंपिक पदक विजेता बनने में जसपाल राणा की महत्वपूर्ण भूमिका ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) को उनकी वापसी पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है।
राणा, जो अपनी अनोखी कोचिंग विधियों के लिए मशहूर हैं, ने पहले NRAI के नेतृत्व के साथ मतभेदों का सामना किया था, लेकिन अब उन मुद्दों का समाधान हो चुका है।
मनु भाकर के निजी कोच के रूप में जसपाल राणा के सफल कार्यकाल ने उनके भारतीय निशानेबाजी में एक प्रमुख पद पर वापसी की संभावना को बढ़ा दिया है। उन्हें उच्च प्रदर्शन निदेशक या राष्ट्रीय पिस्टल कोच के रूप में लाए जाने पर चर्चा हो रही है।
राणा ने पहले भी जूनियर राष्ट्रीय पिस्टल कोच के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्होंने कई युवा निशानेबाजों को प्रशिक्षित किया है। NRAI के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव ने राणा के योगदान को मान्यता दी और कहा कि उनका काम कभी नजरअंदाज नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ मुद्दों को सुलझा लिया गया है और राणा अब भी मनु के साथ काम कर रहे हैं।
सिंह देव ने यह भी स्पष्ट किया कि राणा की भूमिका भविष्य में एक टीम वर्क का हिस्सा होगी और आगे की योजनाओं पर विचार किया जाएगा। मनु भाकर के पेरिस ओलंपिक 2024 में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद जसपाल राणा की वापसी की संभावना बढ़ गई है। भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला ओलंपिक पदक दिलाया और सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिश्रित टीम स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीते।