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नहीं रहे Agni Missile के जनक मशहूर Scientist Dr. Ram Narayan Agarwal, 84 की उम्र में ली अंतिम सांस

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भारत की अग्नि मिसाइल के जनक कहे जाने वाले प्रसिद्ध डीआरडीओ मिसाइल वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का गुरुवार को निधन हो गया है।

दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में शामिल भारत की अग्नि मिसाइल के जनक कहे जाने वाले प्रसिद्ध डीआरडीओ मिसाइल वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का गुरुवार को निधन हो गया है। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया है कि राम नारायण अग्रवाल ने 84 साल की उम्र में हैदराबाद में आखिरी सांस ली है। डीआरडीओ के अधिकारियों के मुताबिक वो अग्नि मिसाइल के पहले प्रोग्राम डायरेक्टर थे। उन्हें लोग प्यार से ‘अग्नि अग्रवाल’ और ‘अग्नि मैन’ भी बुलाते थे।
डॉ. अग्रवाल ASL के डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए थे। उन्होंने अग्नि मिसाइल प्रोग्राम को दो दशकों तक सफलतापूर्वक चलाया। उन्होंने मिसाइल की वॉरहेड की री-एंट्री, कंपोजिट हीट शील्ड, बोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम, गाइडेंस और कंट्रोल आदि पर खुद काम किया था।
डीआरडीओ अधिकारी के मुताबिक, भारत को प्रमुख मिसाइल शक्ति बनाने में डीआरडीओ वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का काफी अहम रोल था। अग्रवाल ने भारत में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारत को मिसाइल शक्ति बनाने में अहम रोल
डीआरडीओ अधिकारी के मुताबिक, भारत को प्रमुख मिसाइल शक्ति बनाने में डीआरडीओ वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का काफी अहम रोल था। अग्रवाल ने भारत में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह अग्नि मिसाइलों के पहले कार्यक्रम निदेशक थे। राम नारायण अग्रवाल को अग्नि पुरुष के नाम से भी जाना जाता था।
वैज्ञानिकों ने शोक जताया
डीआरडीओ के वरिष्ठ सेवारत और पूर्व वैज्ञानिकों ने राम नारायण अग्रवाल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख और वैज्ञानिक डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहा है कि राम नारायण अग्रवाल के निधन से भारत ने एक लिजेंड खो दिया है। उन्होंने कहा कि राम नारायण अग्रवाल ने देश में लंबी दूरी के मिसाइल निर्माण और लॉन्च सुविधाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जानें अग्नि मिसाइल के बारे में
डीआरडीओ द्वारा निर्मित अग्नि मिसाइल भारत की परमाणु लॉन्च क्षमता की रीढ़ मानी जाती है। अब तक अग्नि मिसाइल के पांच वैरिएंट का सफल परीक्षण हो चुका है। बता दें कि अग्नि कार्यक्रम को शुरू करने का मकसद भारत को
मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का था। अग्नि1- 700-800 KM, अग्नि2- 2000 KM से ज्यादा, अग्नि3- 2500 KM से ज्यादा, अग्नि4- 3500 KM से ज्यादा और अग्नि5- 5000 KM से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है।
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