दोनों क्लब के समर्थक एक-दूसरे के झंडे थामे हुए थे। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। काफी संख्या में पुलिसकर्मी स्थिति पर नजर रखे हुए थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया था। इससे पहले दिन में, सीबीआई ने मामले की जांच के संबंध में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से पूछताछ की।
जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए घोष को अस्पताल में घटना से पहले और उसके बाद किए फोन कॉल की जानकारियां देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारी घोष की ‘कॉल डिटेल’ और डेटा उपयोग की जानकारियां प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदाता से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं। सीबीआई ने शनिवार देर रात तक करीब 13 घंटे तक घोष से पूछताछ की थी। घोष रविवार सुबह 11 बजे सॉल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय फिर से पहुंचे।
सीबीआई अधिकारी ने मीडिया से कहा, ‘‘हमारे पास उनसे पूछने के लिए सवालों की एक फेहरिस्त है।” उन्होंने बताया कि घोष को चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उन्होंने किससे संपर्क किया और (पीड़िता के) माता-पिता को करीब तीन घंटे तक का इंतजार क्यों कराया।
अधिकारी के अनुसार, पूर्व प्राचार्य से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत के संगोष्ठी कक्ष के पास कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या पहले से इसकी योजना बनाई गई थी। प्राचार्य क्या कर रहे थे और क्या वह किसी भी तरीके से घटना में शामिल हैं।”
सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, घोष के जवाबों का मिलान वारदात की रात को चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी पर मौजूद अन्य चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं के बयानों से किया जाएगा। सीबीआई ने अपनी जांच के संबंध में कोलकाता पुलिस के कई अधिकारियों समेत 20 से अधिक लोगों से अभी तक पूछताछ की है।