जालंधर के पुलिस कमिश्रर स्वपन शर्मा ने आज यानि रविवार को ‘सहयोग’ प्रोजेक्ट लांच किया है।
जालंधर के पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने आज यानि रविवार को ‘सहयोग’ प्रोजेक्ट लांच किया है। यह पुलिस पब्लिक पार्टनरशिप इनिशिएटिव है। जालंधर के एम.जी.एन. स्कूल में पुलिस कमिश्नर ने इस प्रोग्राम की शुरूआत की है। इस दौरान शहर की अलग-अलग सोसायटी के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और पुलिस कमिश्नर ने उनसे सुझाव लिए।
इसे लेकर पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने कहा कि जालंधर में ‘सहयोग’ मिशन 4 हफ्ते तक चलेगा। इस दौरान लोगों को पुलिस और पुलिस द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जागरुक करवाया जाएगा। पुलिस व लोगों के बीच के गैप को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि लोगों के पास पुलिस को लेकर काफी कम जानकारी है। लोगों को अभी तक ये भी नहीं पता कि पुलिस कंट्रोल रूप में 100 नंबर बंद हो चुका है और अब 112 पर शिकायत करनी होती है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लोगों को नहीं पता कि उनके इलाके के ए.सी.पी. और ए.डी.सी.पी. कौन हैं। इसके चलते जब कोई वारदात होती है तो लोगों को परेशानी आती है कि किसे फोन करना है। लोगों को इलाके में चलने वाली पी.सी.आर. के बारे में नहीं पता है। पंजाब पुलिस व सरकार द्वारा कंट्रोल रूम व ट्रैफिक पुलिस सहित कई अन्य सुविधाएं भी दी जा रही है, जिसे लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए यह प्रोग्राम शुरू किया गया है।
इसके लिए जालंधर की 800 छोटी-बड़ी एसोसिएशन व सोसायटियों को चुना गया है। इन एसोसिएशन व सोसायटियों के प्रधानों व पदाधिकारियों को पुलिस अधिकारी इस प्रोग्राम के दौरान ब्रीफिंग देंगे और पुलिस द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जागरुक करेंगे ताकि वह आगे अपनी एसोसिएशन के सदस्यों को ये जानकारी दे सकें।
वहीं इस दौरान पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने एसोसिएशन व सोसायटियों के प्रधानों व पदाधिकारियों से उनके सुझाव मांगे और उनके मसले सुने। इसके साथ ही आश्वासन दिया कि इन परेशानियों को जल्द से जल्द हल किया जाएगा। इसे साथ ही उन्होंने कहा कि इस 4 हफ्ते के प्रोग्राम के बाद एक प्रोग्राम फिर रखा जाएगा जहां लोगों का फीडबैक लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब शहर में पी.सी.आर. दस्ते और चौकस हो गए हैं और पहले शिकायत करने पर 15 मिनट तक वह मौके पर पहुंचते थे पर अब 5-7 मिनट पी.सी.आर. दस्ता मौके पर पहुंच जाता है। इसके साथ ही कहा गया कि पुलिस और लोगों के बीच के गैप को दूर किया जा रहा है ताकि लोग पुलिस स्टेशन आने से न डरें।