भारत ने पेरिस पैरालंपिक में अपनी सफलता की नई कहानी लिखी है।
पैरालंपिक खेलों में भारत की भागीदारी का इतिहास 64 साल पुराना है. भारत इसमें 1960 से हिस्सा लेता आ रहा है. लेकिन, साल 2024 में जो हुआ है वो एक नया इतिहास है. जो पेरिस में हुआ वो पहले किसी पैरालंपिक गेम्स में देखने को नहीं मिला।
भारत ने यहां 64 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है. ये रिकॉर्ड जीते मेडल की संख्या का तो है ही लेकिन उससे भी बढ़कर एथलेटिक्स में मिली अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी का भी है. भारत ने इस बार दुनिया को चौंकाया है. ये बताते हुए कि अब उसने ट्रैक एंड फील्ड के इवेंट में मास्टरी हासिल कर ली है।
एथलेटिक्स में भारत ने लिखी नई कहानी
पेरिस पैरालंपिक में भारत ने एथलेटिक्स में अपनी सफलता की नई कहानी लिखी है. उसने यहां एथलेटिक्स में वो किया है, जो पहले इस खेल में तो क्या पैरालंपिक खेलों के इतिहास में दूसरे किसी भी खेल में नहीं किया।
पैरालंपिक खेलों में पहली बार एथलेटिक्स में भारत के मेडल की संख्या ने दहाई के आंकड़े को छूआ है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. ना इस खेल में ना ही किसी और खेल में. और, सबसे बड़ी बात अभी पेरिस पैरालंपिक खत्म नहीं हुआ. मतलब, एथलेटिक्स में जीते मेडल की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है।
भारत ने पहली बार किसी खेल में जीते 10 मेडल
भारत ने पेरिस पैरालंपिक के पहले 6 दिन के खेल में कुल 10 मेडल जीते हैं, जो कि एक नया इतिहास है. इससे ज्यादा मेडल भारत ने किसी भी पैरालंपिक खेल में नहीं जीते थे. अब इस इतिहास को भारत ने कैसे रचा? किन खिलाड़ियों ने उनके लिए एथलेटिक्स में 10 मेडल जीते? आईए जरा वो जानते हैं।
किन खिलाड़ियों ने लिखी 10 मेडल की कहानी?
पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए एथलेटिक्स के पहले दो मेडल प्रीति पाल ने जीते. उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर T35 इवेंट में ब्रॉन्ज पर कब्जा किया।
भारत को तीसरा मेडल एथलेटिक्स में निषाद कुमार ने दिलाया. उन्होंने पुरुषों के हाई जंप T47 इवेंट में सिल्वर जीता. चौथा मेडल योगेश काथुनिया ने मेंस डिस्कस थ्रो F56 इवेंट में सिल्वर के तौर पर दिलाया.
पांचवां मेडल गोल्ड मेडल के तौर पर आया, जिसे जीतने वाले मेंस जैवलिन थो F64 इवेंट में सुमित अंतिल रहे. छठा मेडल दीप्ति जीवांजी ने महिलाओं की 400 मीटर T20 इवेंट में दिलाया।
वहीं 7वां मेडल एथलेटिक्स में भारत को शरद कुमार के मेंस हाई जंप T63 इवेंट में सिल्वर जीतने से मिला. इसी इवेंट में मरियप्पन थांगेवेलु के ब्रॉन्ज जीतने से भारत को 8वां मेडल मिला।
भारत के लिए 9वां और 10वां मेडल पुरुषों के जैवलिन थ्रो F46 इवेंट में अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर ने जीता. अजीत ने सिल्वर तो सुंदर ने ब्रॉन्ज पर कब्जा किया।
पेरिस पैरालंपिक में भारत ने 64 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
एथलेटिक्स में मेडल जीतने में दहाई के आंकड़े को छूने के साथ ही भारत ने पेरिस पैरालंपिक में इतिहास का एक और पन्ना भी लिखा. भारत के लिए अब तक टोक्यो सबसे कामयाब पैरालंपिक रहा था, जहां उसने 19 मेडल जीते थे।
लेकिन, पेरिस में पहले 6 दिनों में ही 20 मेडल जीतकर उसने पैरालंपिक खेलों के इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. पहले 6 दिनों के खेल में भारत ने पेरिस पैरालंपिक में 3 गोल्ड, 7 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज जीते हैं।