मीडिया रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि क्रेंद सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन गाइडलाइन जारी की है।
क्रेंद सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम में योगदान देने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। ये क्रेंद सरकार के साथ काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है। बता दें कि इसे डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर के एक ऑफिस मेमोरेंडम में 7 अक्टूबर को जारी किया गया है। बता दें कि यह डिपार्टमेंट मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवेंस एंड पेंशन के अंतर्गत आता है।
ये नई NPS कॉन्ट्रिब्यूशन गाइडलाइन पीरियड ऑफ सस्पेंशन, पीरियड ऑफ अनपेड लीव, प्रोबेशन आदि के लिए लाया गया है। यहां हम आपको NPS कॉन्ट्रिब्यूशन गाइडलाइन के बारे में बताएंगे।
क्या हैं नई NPS कॉन्ट्रिब्यूशन गाइडलाइन?
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जारी की गई नई गाइडलाइन मौजूदा प्रावधानों को ही दोहराता है, जिसमें बताया गया है कि कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत NPS के लिए योगदान करना होगा।
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यह अमाउंट हमेशा राउंड ऑफ में काटा जाएगा। बता दें कि सस्पेंशन की अवधि के दौरान भी कर्मचारी अपना योगदान जारी रखना चुन सकते हैं।
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इसके अलावा अगर सस्पेंशन ड्यूटी के रूप में माना जाता है तो कॉन्ट्रिब्यूशन को दोबारा आपकी नई सैलरी के हिसाब से कैलकुलेट किया जाता है। कॉन्ट्रिब्यूशन में सभी डिस्क्रिपन्सी अमाउंट पर लगने वाले ब्याज के आपके साथ पेंशन खाते में जमा हो जाएंगी।
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इसके साथ ही अनुपस्थित रहने वाले या अनपेड लीव पर रहने वाले कर्मचारियों को कॉन्ट्रिब्यूशन करने की जरूरत नहीं होगी।
इसके साथ ही जिस कर्मचारियों को दूसरे विभागों या अन्य संगठनों में दोबारा नियुक्त किया गया है, उन्हें अभी भी एनपीएस में योगदान देना होगा, जैसे कि उनका ट्रांसफर ही न हुआ हो।
प्रोबेशन पर वर्किंग कर्मचारियों के लिए गाइडलाइन
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बता दें कि नई जारी की गई गाइडलाइन में जानकारी सामने आई है कि प्रोबेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी NPS में योगदान देना जरूरी है।
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अगर किसी स्थिति में अमाउंट के क्रेडिट होने में देरी होती है तो इससे प्रभावित कर्मचारियों को उनका कॉन्ट्रिब्यूशन ब्याज के साथ दिया जाएगा।