ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद (एआईआईए) में लगभग 12,850 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के मौके पर यहां ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद (एआईआईए) में लगभग 12,850 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में एक नई शुरुआत करते हुए 70 साल और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवा कवरेज का विस्तार करेंगे। इसका लाभ सभी बुजुर्गों को मिलेगा, चाहे उनकी आय कुछ भी हो।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया, ‘प्रधानमंत्री का लक्ष्य पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसी के तहत वह स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए कई संस्थानों का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।‘
प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद (एआईआईए) के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे। इसमें पंचकर्म अस्पताल, औषधि निर्माण के लिए आयुर्वेदिक फार्मेसी, खेल चिकित्सा इकाई, केंद्रीय पुस्तकालय, आईटी और स्टार्ट-अप इन्क्यूबेशन केंद्र, और 500 सीटों वाला सभागार शामिल होगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नई दिल्ली के एम्स में नई स्वास्थ्य सेवाओं का भी उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें जन औषधि केंद्र भी शामिल होंगे।
पीएम मोदी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों का शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण आयुष्मान भारत स्वास्थ्य ढांचा मिशन के तहत होगा।
प्रधानमंत्री मोदी इंदौर (मध्य प्रदेश) में ईएसआईसी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे और हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासांद्रा और नरसापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के मेरठ और आंध्र प्रदेश के अच्युतापुरम में ईएसआईसी अस्पतालों का शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं से लगभग 55 लाख लाभार्थयिों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
प्रधानमंत्री 11 प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में ड्रोन सेवाएं भी शुरू करेंगे ताकि स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें। इन संस्थानों में एम्स ऋषिकेश, एम्स बीबीनगर (तेलंगाना), एम्स गुवाहाटी, एम्स भोपाल, एम्स जोधपुर (राजस्थान), एम्स पटना, एम्स बिलासपुर, एम्स रायबरेली (उत्तर प्रदेश), एम्स रायपुर (छत्तीसगढ़), एम्स मंगलगिरी (आंध्र प्रदेश), और इंफाल (मणिपुर) शामिल हैं।
साथ ही पीएम मोदी एम्स ऋषिकेश से हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सेवा का भी शुभारंभ करेंगे, जिससे आपात स्थिति में तेजी से चिकित्सा सेवा मिल सकेगी।
प्रधानमंत्री मोदी यू-विन पोर्टल लॉन्च करेंगे, जो गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए टीकाकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाएगा। इससे गर्भवती महिलाओं और 16 साल तक के बच्चों को समय पर 12 बीमारियों से बचाव के टीके मिल सकेंगे।
साथ ही प्रधानमंत्री एक और पोर्टल लॉन्च करेंगे जो स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के लिए केंद्रीकृत डेटाबेस की तरह काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं शुरू करेंगे। वे ओडिशा के भुवनेश्वर में सेंट्रल ड्रग्स टेस्टिंग लेबोरेटरी का उद्घाटन करेंगे। वह ओडिशा के खोरधा और छत्तीसगढ़ के रायपुर में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के दो केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी चार आयुष उत्कृष्टता केंद्र भी लॉन्च करेंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया‘ को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री पांच प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजनाओं के तहत परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें उच्च स्तरीय मेडिकल उपकरण और महत्वपूर्ण दवाइयों का निर्माण होगा। ये परियोजनाएं गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा, और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में होंगी। प्रधानमंत्री ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान‘ भी शुरू करेंगे, जो लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद दिवस की दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि समस्त देशवासियों को आयुर्वेद दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भगवान धन्वंतरि की जन्म-जयंती का यह पावन अवसर हमारी महान संस्कृति में आयुर्वेद की उपयोगिता और उसके योगदान से जुड़ा है, जिसके महत्त्व को आज पूरी दुनिया मान रही है। मुझे विश्वास है कि चिकित्सा की यह प्राचीन पद्धति पूरी मानवता के आरोग्यपूर्ण जीवन के लिए निरंतर काम आती रहेगी।