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‘कश्मीर की आजादी’ पर Oxford में डिबेट, हिंदू बोले- ‘स्पीकर्स के आतंकियों से संबंध’

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कश्मीर की आजादी नाम की डिबेट पर ब्रिटिश हिंदुओं ने आपत्ति जताई है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कश्मीर पर होने वाली एक डिबेट को लेकर ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं ने कड़ी आपत्ति जताई और डिबेट के दौरान जमकर हंगामा काटा।

इसको लेकर ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं ने ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसायटी ने खत लिखा है। पत्र में डिबेट को लेकर चिंता जाहिर की गई। डिबेट का टाइटल था, यह हाउस आजाद कश्मीर का समर्थन करता है। इस मुद्दे पर सवाल इसलिए खड़े हुए क्योंकि डिबेट में जो दो स्पीकर हिस्सा ले रहे हैं वे आतंकी समूहों से जुड़े हैं।

हिंदुओं की वकालत करने वाले संगठन सोशल मुवमेंट ने विवि के प्रशासन को लिखे पत्र में कहा कि दो स्पीकर्स मुजम्मिल अय्यूब ठाकुर और जफर खान को न्योता दिया गया है।

इन दोनों स्पीकर्स के आतंकियों से कनेक्शन हैं। संगठन ने कहा कि मुजम्मिल पर नफरती भाषण देने का आरोप है। इसके साथ ही उनके ऐसी संस्थाओं से संबंध हैं जिनके तार सीधे आतंकियों से जुड़े हैं।

ब्रिटिश एजेंसियां कर चुकी जांच

ठाकुर और उसके संगठन वर्ल्ड कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट के कार्यों पर भी जोर दिया। मुजम्मिल कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट और मर्सी यूनिवर्सल के अध्यक्ष हैं।

जोकि उनके पिता ने शुरू की थी। इन दोनों संगठनों की जांच ब्रिटेन की स्काॅटलैंड यार्ड और एफबीआई जैसी एजेंसियां कर चुकी हैं।

JKLF एक आतंकी संगठन

इसके साथ ही पत्र में लिखा गया कि मुजम्मिल अय्यूब नफरती भाषण देता है, उसके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हैं। वह सोशल मीडिया के जरिए लोगों में डर फैलाता है और उनको अपराध के लिए उकसाता है।

वहीं जफर खान JKLF का चेयरमैन है जो ग्रुप से जुड़ा हुआ है। जोकि कश्मीर हिंदुओं को निशाना बनाती है। JKLF ने ही 1984 में ब्रिटेन से अगवा किए गए भारतीय राजनयिक रवींद्र महात्रे की हत्या कर दी थी। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट एक आतंकी संगठन है, जोकि ब्रिटेन के कई शहरों तक फैला है।

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