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Adani Group के शेयरों में मचा हाहाकार, 20 फीसदी तक गिरे स्टॉक्स, निवेशक परेशान

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अमेरिका में गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद अडानी समूह के शेयरों में 20 फीसदी तक गिरावट आई है।

अडानी समूह के लिए गुरुवार, 21 नवंबर, 2024 का दिन एक बुरे सपने जैसा साबित हुआ, जब अमेरिकी अदालतों में उनके ऊपर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद भारतीय शेयर बाजार में अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली।
समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया और बाजार में तनाव का माहौल बन गया।

Adani Energy Solutions में 20 फीसदी की गिरावट

शेयर बाजार खुलते ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। सबसे ज्यादा गिरावट *अडानी एनर्जी सोल्युशंस* के शेयरों में देखने को मिली, जो 20 फीसदी गिरकर 697.70 रुपये पर पहुंच गए और स्टॉक में लोअर सर्किट लग गया।
लोअर सर्किट का मतलब है कि इस गिरावट के बाद इस शेयर पर और कारोबार नहीं हो सकता। निवेशकों के लिए यह बड़ा झटका था, क्योंकि यह शेयर हाल ही में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था।

अडानी एंटरप्राइजेज और अन्य प्रमुख कंपनियों में भी गिरावट

समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर भी 10 फीसदी की गिरावट के साथ 2539 रुपये पर गिरकर लोअर सर्किट में चला गया।
इसके अलावा अडानी पोर्ट्स के शेयर भी 10 फीसदी नीचे गए और 1160 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। अंबुजा सीमेंट और अडानी पावर के शेयरों में भी क्रमशः 10 फीसदी और 16 फीसदी की गिरावट आई, जो निवेशकों के लिए एक और चिंता का कारण बन गया।

अडानी टोटाल गैस और एसीसी में भी भारी गिरावट

अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 18 फीसदी की गिरावट आई और यह 1159 रुपये पर पहुंच गए, जबकि अडानी टोटाल गैस के शेयर 14 फीसदी गिरकर 577.80 रुपये तक पहुंच गए।
एसीसी के शेयरों में भी 10 फीसदी की गिरावट आई, जिससे यह 1966.55 रुपये पर कारोबार कर रहा था और इस स्टॉक में भी लोअर सर्किट लग गया। अडानी विल्मर का शेयर 8 फीसदी गिरकर 301 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के कारण निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है और अडानी समूह की कंपनियों के भविष्य को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।

अमेरिका में लगे आरोपों का असर भारतीय शेयर बाजार पर

अमेरिका में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के बाद निवेशकों ने अडानी समूह के शेयरों से पैसे निकालने की शुरुआत की, जिसके चलते इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। अमेरिकी न्यायिक प्रणाली में चल रही जांच ने भारतीय शेयर बाजार में घबराहट फैलाई है, जिससे अडानी समूह की कंपनियों के स्टॉक्स पर भारी दबाव पड़ा है।

निवेशकों में डर और असमंजस

अडानी समूह के शेयरों में इस तरह की गिरावट ने निवेशकों में डर और असमंजस का माहौल बना दिया है। कई निवेशक अपनी पूंजी के नुकसान से चिंतित हैं और यह सवाल कर रहे हैं कि क्या अडानी समूह इस संकट से उबर पाएगा। विशेष रूप से छोटे और मझोले निवेशकों के लिए यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है, क्योंकि समूह की कंपनियों के शेयरों पर उनका बहुत सा निवेश आधारित था।

विश्लेषकों का क्या कहना है?

वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच में कोई ठोस तथ्य सामने आते हैं, तो यह उनके लिए गंभीर परिणाम ला सकता है।
इसके अलावा, विदेशी निवेशकों का विश्वास भी डगमगा सकता है, जिससे इन कंपनियों के शेयरों में और गिरावट हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अडानी समूह को इस समय अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की जरूरत है, ताकि यह स्थिति और खराब न हो।

भारतीय शेयर बाजार पर असर

अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स *सेंसेक्स* और *निफ्टी* पर भी पड़ा है। इन दोनों इंडेक्स में मामूली गिरावट देखने को मिली है, क्योंकि अडानी समूह के शेयर भारतीय बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस गिरावट ने पूरी भारतीय बाजार को नकारात्मक दिशा में धकेल दिया है।

क्या करें निवेशक?

विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। जिन लोगों ने अडानी समूह के शेयरों में निवेश किया है, उन्हें अपनी स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो अपने निवेश को सुरक्षित करने के उपाय करने चाहिए। हालांकि, जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उन्हें अभी स्थिति की पूरी जानकारी लेकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए।

क्या है अडानी समूह का भविष्य?

अडानी समूह के लिए यह समय कठिनाइयों से भरा हुआ है। अमेरिकी आरोपों के कारण समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के लिए एक नई चुनौती सामने आई है।
हालांकि, अगर आरोपों की जांच में कोई ठोस आधार नहीं मिलता है, तो समूह इस संकट से उबर सकता है। लेकिन अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो अडानी समूह को गंभीर कानूनी और वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है, जो भारतीय शेयर बाजार पर भी प्रभाव डाल सकता है।
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