पर्थ टेस्ट में KL Rahul 26 रन बनाकर आउट हुए.
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज हो और उसमें कोई विवाद ना उभरे ऐसा कैसे हो सकता है. हालांकि, ये विवाद आम तौर पर होने वाले खिलाड़ियों की नोंक झोंक से नहीं बल्कि थर्ड अंपायर के फैसले के चलते उपजा है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच शुरू होते ही जो पहला विवाद सामने आया वो केएल राहुल के विकेट से जुड़ा रहा. पर्थ टेस्ट में केएल राहुल मिचेल स्टार्क का शिकार बने. ऑस्ट्रेलिया की जोरदार अपील के बावजूद फील्ड अंपायर ने तो राहुल को आउट नहीं दिया था, लेकिन थर्ड अंपायर के कहने पर उन्हें अपना फैसला बदलने पर मजबूर होना पड़ा, जिससे केएल राहुल तो नाराज हुए ही मामले ने तूल भी पकड़ लिया.
क्यों मचा KL Rahul के विकेट पर बवाल?
अब सवाल है कि केएल राहुल के विकेट पर बवाल क्यों मचा? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि थर्ड अंपायर ने आउट होने के जिस विजुअल को देखने के बाद फील्ड अंपायर का फैसला पलटा, वो पूरी तरह से क्लियर नहीं था. स्निकोमीटर में ये सही से पता नहीं चल पा रहा था कि गेंद पैड पर लगकर विकेटकीपर के दस्तानों में गई या राहुल के बल्ले पर लगने के बाद. आमतौर पर जब मामले को लेकर संदेह होता है तो फैसला बल्लेबाज के फेवर में होता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. थर्ड अंपायर ने वो फुटेज देखकर जिससे कुछ भी नहीं हो रहा था, राहुल को आउट दे दिया.
अंपायर ने अंधेरे में तीर चलाया, पूर्व क्रिकेटर्स ने की फैसले की निंदा
पर्थ में थर्ड अंपायर के फैसले के बाद केएल राहुल के चेहरे के हाव-भाव को अच्छे से समझा जा सकता है. राहुल के खिलाफ दिए इस डिसीजन की आलोचना मैदान के बाहर भी हो रही है, वहीं वसीम अकरम ने तो कमेंट्री बॉक्स में सीधे शब्दों में ये कह दिया कि अंपायर ने अंधेरे में तीर चलाया है.
क्लियर फुटेज नहीं, अंपायर ने अनुमान पर दिया फैसला- हेडन
मैथ्यू हेडन ने भी इस घटना की कमेंट्री करते हुए कहा कि सिर्फ मानकर कि गेंद ने बैट का किनारा लिया होगा अंपायर ने अपना फैसला दिया है. लेकिन हो सकता है कि वैसा ना हो. चेतेश्वर पुजारा ने भी हेडन की तरह ही बात की है. उन्होंने कहा कि फुटेज क्लियर नहीं है, जिससे ये कहा जा सके कि राहुल आउट थे.
केएल राहुल 74 गेंदों में 26 रन बनाकर आउट हुए. इसी पारी के दौरान उन्होंने टेस्ट में अपने 3000 रन भी पूरे किए. राहुल ने 19वां रन बनाते ही ये मुकाम हासिल किया.