पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने मुक्तसर साहिब जिले से 21वीं पशुगणना का शुभारंभ किया।
पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के साथ राज्य के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के जानवारों पर ध्यान दिया जा रहा है।
इसी के तहत राज्य में 21वीं पशुगणना शुरू की गई। पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने मुक्तसर साहिब जिले से 21वीं पशुगणना का शुभारंभ किया।
इस मौके पर पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस जनगणना में कुल 16 अलग-अलग प्रजातियों के पशु और मुर्गों की गणना की जाएगी।
डिजिटल तरीके से होगी जनगणना
मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि पहली बार इस जनगणना में पशुपालन में महिलाओं की भूमिका का भी ध्यान में रखा जाएगा। राज्य में यह जनगणना डिजिटल तरीके से की जाएगी।
साल 2019 के बाद दूसरी बार यह जनगणना डिजिटल होगी। इसमें पशुओं की नस्ल और उनकी सारी खासियत की जानकारी को इकट्ठा करने के लिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा।
गणनाकार करीब 65 लाख घरों में जाकर पशुओं की नस्लों और उसकी खासियत की जानकारी के अनुसार उनकी संख्या दर्ज करेंगे।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि विभाग ने इस व्यापक क्षेत्र सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एक राज्य नोडल अधिकारी, 5 क्षेत्रीय नोडल अधिकारी, 23 जिला नोडल अधिकारी, 392 पर्यवेक्षक और 1962 गणनाकार नियुक्त किए हैं।
पालतू कुत्तों की भी होगी गिनती
मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि ऐसा पहली बार होगा जब पालतू कुत्तों की भी नस्ल के हिसाब से गिनती की जाएगी।
साथ ही, गौशालाओं में रहने वाले मवेशियों और खानाबदोश जनजातियों द्वारा पाले जाने वाले जानवरों की गिनती अलग-अलग की जाएगी।
जनगणना के दौरान, पशुधन क्षेत्र पर किसानों की निर्भरता के बारे में जानकारी जुटाई की जाएगी।
इसके साथ ही मुर्गी पालन और पशुपालन उपकरणों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि यह जनगणना फरवरी 2025 तक पूरी हो जाएगी।