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Adani Group के लिए America से आई अच्छी खबर

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Hindenburg Report के बाद समूह का कुल ऋण भी घट गया है

Adani Groupके लिए अमेरिका से अच्छी खबर आई है। दरअसल, अमेरिका की रिसर्च फर्म बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति उस समय की तुलना में अब बेहतर है जब ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की चपेट में आया था।
बर्नस्टीन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अदाणी समूह के प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखे शेयरों में तेजी से कमी आई है। साथ ही कंपनी ने कम कर्ज जुटाया है।
इससे पिछले 2 साल में ग्रुप की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है। रिसर्च फर्म ने कहा कि गौतम अदाणी की अगुवाई में जोखिम 2 साल पहले की तुलना में कम हो गए हैं।

Hindenburg Research के बाद शेयरों में आई थी बिकवाली 

हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में अपनी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर वित्तीय खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बड़ी बिकवाली आई थी।
ग्रुप का मार्केट कैप घटकर आधा रह गया था। हालांकि, अदाणी समूह हिंडनबर्ग के आरोपों से उबरने में कामयाब रहा। उसके बाद भी ग्रुप पर बीच बीच में कई आरोप लगे हैं।

ग्रुप पर कर्ज का बोझ घटा 

रिसर्च कंपनी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में अदाणी समूह पर कर्ज घटा है। वित्त वर्ष 2015-16 में ग्रुप के कर्ज में बैंकों की हिस्सेदारी 86 प्रतिशत थी लेकिन वह घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में सिर्फ 15 प्रतिशत रह गई।
इसके अलावा बॉन्ड की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2015-16 के 14 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 31 प्रतिशत हो गई। बर्नस्टीन का मानना है कि ग्रुप के नकद भंडार में भी पिछले डेढ़ साल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मार्च, 2023 में इसका नकद भंडार 22,300 करोड़ रुपये था जो सितंबर 2024 में 39,000 करोड़ रुपये हो गया।

बर्नस्टीन ने क्या कहा है? 

रिसर्च फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अदाणी ग्रुप पहले की तुलना में बेहतर हुई है। ग्रुप अब बिना किसी शेयर-गिरवी, कम कर्ज जुटाने, कर्ज भुगतान और बेहतर वैल्यूएशन के साथ बहुत मजबूत स्थिति में है।
बर्नस्टीन ने कहा कि अगर हम समूह के लिए शेयर गिरवी रखने की घटना को देखें, तो इसकी कंपनियों में बड़ी गिरावट आई है। अदानी पावर में शेयर गिरवी रखना 25 प्रतिशत से घटकर 1 प्रतिशत पर आ गया है। वहीं अदाणी पोर्ट्स में यह 17 प्रतिशत से घटकर शून्य हो गया है। इसके अलावा अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस को छोड़कर समूह में प्रवर्तक हिस्सेदारी भी बढ़ी है।
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