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किसान Unions के नेताओं से मिले पंजाब के Agriculture Minister

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विपणन पर राष्ट्रीय नीति के ढांचे पर की चर्चा

पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा राज्य के किसानों के लिए हमेशा भलाई के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां गुरुवार को पंजाब भवन में ‘कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे’ पर मसौदा नीति पर किसान यूनियनों के नेताओं के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने किसान यूनियन नेताओं को भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार कृषि मंडीकरण पर राष्ट्रीय नीति ढांचे से किसानों के हितों को प्रभावित नहीं होने देगी।

कृषि मंत्री की किसानों से अपील

इस दौरान कृषि मंत्री खुड्डियां ने कहा कि पंजाब सरकार भारत सरकार द्वारा साझा की गई नई मसौदा नीति को लेकर काफी चिंतित है क्योंकि इस नीति से प्रदेश और उसके किसानों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए राज्य सरकार इस नीति के हर एक पहलू पर विश्लेषण और परामर्श करना चाहती है।
इस पर डीप एनालाइसिंग के लिए कृषि विशेषज्ञों और बाकी के हितधारकों से भी जल्द ही परामर्श किया जाएगा। इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा की कहीं से एक भी पॉइन्ट विचार बिना न रह जाए। इसके अलावा कृषि मंत्री खुड्डियां ने राज्य के किसानों से अपील की कि वह इस बारे में अपने सुझाव कृषि विभाग को भेजें।

क्या है किसान यूनियन नेताओं का कहना

किसान यूनियनों के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन, बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, रुलदू सिंह मानसा, डॉ. सतनाम सिंह अजनाला और अन्य नेताओं ने नीति के नाम पर संभावित निजीकरण, एकाधिकारवादी प्रथाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि यह तीन कृषि कानूनों के विवादास्पद प्रावधानों को फिर से लागू करने का प्रयास हो सकता है, जिन्हें किसानों के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया था। उन्होंने राज्य सरकार से केंद्र को जवाब भेजने से पहले आगे की जांच करने का भी आग्रह किया ताकि पंजाब और उसके किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जा सके।
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