8वां वेतन आयोग को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले हफ्ते ही एक ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जनवरी 2026 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। जिससे 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और 65 लाख पेंशनभोगियों के भत्तों में बढ़ोतरी की जाएगी। इसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हफ्ते दी थी। जब से मोदी सरकार की ओर से इसकी पुष्टि की गई है, तभी से सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। जानिए 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कितनी सैलरी बढ़ सकती है?
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
जब से सैलरी में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है तभी से संभावना जताई जा रही है कि नया वेतन आयोग 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करेगा। जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में 186% की बढ़ोतरी आएगी। अगर इस फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी मिलती है तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा पेंशनभोगियों की पेंशन भी 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक पहुंच जाएगी। सैलरी में 2026 तक बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है।
7वें केंद्रीय वेतन आयोग में कैसे बढ़ी थी सैलरी?
7वें केंद्रीय वेतन आयोग में न्यूनतम सैलरी कैसे बढ़ाई जाए इसके लिए सरकार ने एक अध्ययन कराया था। ईटी नाउ के मुताबिक, सरकारी और निजी क्षेत्र में कितनी सैलरी दी जाती है, इसकी तुलना के लिए आयोग ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद को एक अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया। अध्ययन में सामने आया कि सरकार में सबसे निचले रैंक का कर्मचारी एक जनरल हेल्पर की कुल सैलरी 22,579 रुपये है, जो सर्वेक्षण किए गए निजी क्षेत्र के संगठनों में जनरल हेल्पर के 8,000-9,500 रुपये के साथ दो गुना से ज्यादा है।
सभी बातों पर विचार करने के बाद आयोग का मानना था कि 01.01.2016 से सरकार का रिकमेंड की गई सैलरी 18,000 रुपये प्रति माह सही और तर्कसंगत है। जो दूसरे भत्ते और सुविधाएं मिलने के बाद सरकारी कर्मचारी को एक अच्छा जीवन देगी।
इसी के साथ 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 पर रखा गया। जिससे केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये तक पहुंच गया था। इसके अलावा, सरकार ने न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी करते हुए इसे 9,000 रुपये तक पहुंचा दिया था।