होम latest News ओम बिड़ला को सौंप दी गई JPC की रिपोर्ट… विपक्षी दलों ने...

ओम बिड़ला को सौंप दी गई JPC की रिपोर्ट… विपक्षी दलों ने जताई नाराजगी

0

वक्फ (संशोधन) विधेयक के बारे में विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पॉल ने रिपोर्ट लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक के बारे में विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पॉल ने रिपोर्ट लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी है। यह रिपोर्ट 665 पन्नों की है और इसे समिति ने 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दी है। इस रिपोर्ट में भाजपा के सदस्यों द्वारा दिए गए संशोधनों को शामिल किया गया है।
विपक्ष ने जताई असहमति

विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और इससे वक्फ बोर्डों की स्थिति खराब हो जाएगी। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास है।
BJP का पक्ष

भाजपा के सदस्य इस विधेयक को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने वाला मानते हैं। उनका कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए जरूरी है और इसमें कोई गलत बात नहीं है।
संशोधनों पर विपक्ष का विरोध

संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में भाजपा के सदस्य द्वारा किए गए सभी संशोधनों को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए संशोधनों को खारिज कर दिया गया। विपक्ष ने इस विधेयक के 44 प्रावधानों में बदलाव की मांग की थी। उनका दावा था कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसका उद्देश्य समुदाय के धार्मिक मामलों में दखलंदाजी करना है।
असदुद्दीन ओवैसी का बयान

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक पर अपनी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों से संबंधित किसी उपयोगकर्ता को हटाने का प्रावधान अंत में जोड़ा गया था, जो कि अनावश्यक था। ओवैसी ने यह भी कहा कि यह प्रावधान उन मामलों में लागू होगा जहां संपत्ति को लेकर विवाद हो, जबकि ऐसी स्थिति में यह लागू नहीं होना चाहिए।
विधेयक का उद्देश्य

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में 8 अगस्त 2024 को पेश किया था। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में आने वाली समस्याओं का समाधान करना है। इसके लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में कुछ आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं।
पिछला लेखPCB और ICC 16 फरवरी को लाहौर में आयोजित करेंगे चैंपियंस ट्रॉफी का उद्घाटन समारोह
अगला लेखPunjab Government ने उद्योगों को दी बड़ी राहत, जारी हुए नए Order