सरकार ने महंगी सब्जी, फल की कीमत पर लगाम के लिए भी एक प्लान तैयार करने की बात की है.
सरकार ने बजट में किसके लिए क्या किया है, ये अब छन-छनकर सामने आने लगा है. मिडिल क्लास के लिए 12 लाख रूपये तक के आय को टैक्स फ्री कर सरकार ने एक साथ करोड़ों लोगों को साध लिया है. मगर इतना ही नहीं, महंगाई के मोर्च पर भी बदहाल आवाम को कुछ राहत देने के लिए सरकार बजट में कुछ कोशिश करती नजर आई है.
एक तरफ तो दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए जलवायु के हिसाब से बीज विकसित करने, उपज के भंडारण पर जोर देने की पहल हुई है. तो बजट की सबसे दिलचस्प और हर आदमी के काम से जुड़ी जानकारी ये है कि सरकार ने महंगी सब्जी, फल की कीमत पर लगाम के लिए भी एक प्लान तैयार करने की बात की है. क्या है प्लान, आइये जानें.
सब्जियों, फलों के लिए सरकार की तैयारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि अपने आप में ये काफी उतसाहजनक है कि अब देश में लोग पोषण से जुड़ी आवश्यकताओं के बारे में सजक होते जा रहे हैं. ये समाज में स्वस्थ्य होने के निशानी है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि लोगों के आय के स्तर बढ़ने के साथ ही उनमें सब्जियों, फलों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि इन सब्जियों और फलों के उत्पादन को बढ़ाने, उसकी प्रभावी सप्लाई, उसको प्रोसेस्ड करने और किसानों के लिए लाभ को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करेगी. ये कार्यक्रम राज्यों की भागीदारी से लागू किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इसको लागू करने के लिए एक जरूरी सिस्टम स्थापित किया जाएगा. जिसमें किसान और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. कहा जा रहा है कि अगर इस दिशा में कुछ बेहतर कोशिश हुई तो फलों और सब्जियों की कीमतों पर कुछ राहत मिल सकती है.
बजट के बाद ये चीजें भी हो जाएंगी सस्ती
सरकार ने न सिर्फ सब्जी और फलों के मोर्चे पर कुछ बेहतरी लाने की कोशिश की है. बल्कि, मोबाइल फोन की बैट्री के उत्पादन से संबंधित कम से कम 28 सामानों को सस्ता कर दिया गया है. 36 जीवनरक्षक दवाओं पर लगने वाले बुनियादी कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया गया है.
इनके अलावा, इलेक्ट्रोनिक बैट्री आने वाले दिनों में सस्ती होगी. इसी तरह कोबाल्ट के उत्पादों से लेकर एलईडी के उत्पादन को सस्ता कर दिया गया है. सरकार ने 12 दुर्लभ खनिज और एथरनेट स्विच की कीमतें कम कर दी हैं.
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, स्वयं सहायाता समूह के सदस्य, और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की कर्ज जरूरतों के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्कोर का ढांचा भी तैयार किया जाएगा. इसके जरिये भी सरकार का दावा है कि लोगों को राहत दी जाएगी.