आज भारत सरकार की तरफ से पांच पाकिस्तानी कैदियों को किया गया रिहा।
भारत सरकार ने 5 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया है। इनमें से एक उत्तर प्रेदश की गोरखपुर जेल से रिहा किया गया पाकिस्तानी कैदी मशरूर भी शामिल है। मशरूर को 17 साल बाद आजीवन कारावास की सजा काटने के बाद बुधवार को रिहा किया गया। मशरूर को साल 2008 में जासूसी के आरोप में बहराइच से गिरफ्तार किया गया था।
अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान के लिए हुए रवाना
भारत सरकार ने गैर कानूनी ढंग से देश में दाखिल हुए पाकिस्तानी कैदियों को उनकी सजा पूरी होने के बाद उनके वतन पाकिस्तान भेज दिया है। इनमें से एक पाकिस्तानी नागरिक मसरूर ने बताया कि वह 2008 में 6 महीने के वीजा पर भारत आया था, लेकिन जब उसका वीजा खत्म हो गया तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
उसने बताया कि वह पाकिस्तान में वह शीशे की कटिंग और फिटिंग का काम करता था और भारत आकर लखनऊ में यही काम करने लग गया लेकिन जैसे ही उसका वीजा खत्म हुआ तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
जासूसी के आरोप में हुआ था गिरफ्तार
वहीं, एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक जफर हुसैन का कहना है कि वह 17 साल पहले जासूसी के आरोप में भारतीय फौज की तरफ से गिरफ्तार किया गया था और आज अपनी सजा पूरी कर वह भी अपने वतन वापसी कर रहा है। जफर हुसैन ने बताया कि वह राजस्थान की अलवर जेल में अपनी सजा काट रहा था।
जफर ने बताया कि जब वह यहां पर आया था तो पाकिस्तान में उसके माता-पिता जिंदा थे और एक पत्नी भी थी, लेकिन आज इतने साल बीत जाने के बाद जब वह अपने वतन वापसी करेगा तो उसे नहीं पता कि घर पर माता-पिता उसे जिंदा मिलेंगे यहां उसकी पत्नी भी उसे अपने घर पर मिलेगी या नहीं।
आया था जमीन पर कब्जा हटाने, हुआ गिरफ्तार
इनमें से एक कैदी नंदलाल भी है, जो राजस्थान में अपने रिश्तेदारों की तरफ से अपनी जमीन पर कब्जा को छुड़वाने के लिए भारत आया था, लेकिन उसका वीजा खत्म हो गया। इसके बाद उसके रिश्तेदारों ने पुलिस को सूचित किया गया कि वह गैर कानूनी ढंग से भारत में रह रहा है, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
वह भी 17 सालों से सजा काट रहा था। उसने कहा कि उसकी जमीन भारत में है, इसलिए वह भारत सरकार से यहां की नागरिकता की अपील करता है, लेकिन फिलहाल उसे ऐसी कोई भी जानकारी नहीं है कि उसके कागजात कहां पर जमा हुए हैं। आज वह पाकिस्तान वापसी कर रहा है।
पाकिस्तानी मछुआरा भी शामिल
इन कैदियों में एक पाकिस्तानी मछुआरा भी शामिल था, जिसका नाम खादिम हुसैन है। खादिम दरिया में मछली पकड़ता हुआ पाकिस्तान की सीमा पार कर भारत में दाखिल हो गया था।
इसके बाद उसे गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आज उसकी भी सजा पूरी होने पर उसे पाकिस्तान के लिए रवाना कर दिया गया।
आशिकी के चक्कर में हुआ था गिरफ्तार
पांच कैदियों में से एक कैदी आशिकी के चक्कर में पड़कर 2 साल की सजा पूरी करने के बाद पाकिस्तान वापसी कर रहा है।
अजमल हुसैन नाम के इस कैदी ने बताया कि वह पाकिस्तान के कसूर गांव का रहने वाला है और उसके अपने पिता के मामा की लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल चल रहा था, उसी के चक्कर में वह भारत की सरहद में दाखिल हुआ था।
इसके बाद तरन तारन जिला की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और आज वह अपनी सजा पूरी कर पाकिस्तान वापसी कर रहा है। उसने कहा कि आशिकी के चक्कर में पड़कर बहुत बड़ी गलती हो गई।
कैदियों ने की भारतीय अधिकारियों की सराहना
सभी कैदियों ने बताया कि कैद में रहने के दौरान उनके साथ भारतीय नागरिकों और यहां के अधिकारियों ने बहुत अच्छा बर्ताव किया। किसी भी नागरिक के साथ किसी भी तरह की सख्ती नहीं की गई और आज वह अपने वतन वापसी कर रहे हैं।
इस मौके पर उनके चेहरे पर खुशी की लहर दिखी। प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महल ने बताया कि ये पांच पाकिस्तानी नागरिक गैर कानूनी ढंग से भारत में रह रहे थे और जब पुलिस की गिरफ्त में आए तो इनको उनके जुर्म के हिसाब से सजा हुई। आज ये सभी अपनी सजा पूरी कर अपने वतन पाकिस्तान वापसी कर रहे हैं।