King George’s Medical University (KGMU) के हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक गर्दन, बगल, या कमर में बिना किसी दर्द के गांठ हैं तो यह लसीका कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. डॉक्टरों ने बताया कि लिम्फेटिक बल्ड सर्कुलेशन और नोड्स का एक नेटवर्क है जो संक्रमण और बीमारी से लड़ने में मदद करता है. लिम्फ नोड्स पूरे शरीर में पाए जाने वाले टिश्यूज की छोटी सी बीन्स के आकार की गांठें होती हैं. जब शरीर किसी इंफेक्शन से लड़ रहा होता है तो लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है. हालांकि यदि लिम्फ नोड्स में सूजन हैं लेकिन दर्द नहीं हो रहा है तो वह कैंसर के संकेत हो सकते हैं.
केजीएमयू में हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर ए के त्रिपाठी ने बताया कि केजीएमयू में आने वाले 20-25 मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत ऐसे होते हैं जो इस लिम्फेटिक कैंसर के ए़डवांस स्टेज में पहुंचने के बाद हॉस्पिटल पहुंचते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस कैंसर के शुरुआती संकेत लोग डॉक्टर के पास जाने तक मरीजों को सांस लेने में तकलीफ और बिना कारण वजन घटने का अनुभव करते हैं.
सबसे हैरानी की बात यह है कि कुछ मरीज ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि उन्हें टीबी और वह इसका इलाज कराने के बाद भी आते हैं लेकिन उन्हें आराम नहीं मिलता है. उन्होंने उन्हें सलाह दी कि यदि उनमें सुधार नहीं हो रहा है तो किसी विशेषज्ञ से दूसरी राय लें.उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जीन एडिटिंग, एंटीबॉडी-ड्रग कंजुगेट्स (एडीसी), और इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर (आईसीआई) जैसे नए उपचार बीमारी के प्रबंधन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि एडीसी को स्वस्थ कोशिकाओं को बचाते हुए विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और आईसीआई उन “ब्रेक” को हटाकर काम करते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली की कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने की क्षमता को रोकते हैं.डॉक्टरों ने आगे कहा कि जीन संपादन संभावित रूप से डॉक्टरों को लिंफोमा के लिए जिम्मेदार आनुवंशिक असामान्यताओं को ठीक करने की अनुमति दे सकता है, जिससे अधिक प्रभावी उपचार और रोगी के परिणामों में सुधार हो सकता है.