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जानें छत्तीसगढ़ और एमपी के नए मंत्रियों का क्या है हाल

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चुनाव के बाद देश में या किसी राज्य में, जब सरकारें बदलती हैं तो कई सरकारी बंगले भी सुर्खियों में आ जाते हैं. ऐसा ही एक बंगला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में है. आजकल इस बंगले की खूब चर्चा है, क्यों आइए जानते हैं. पुराने मंत्री ने आवास खाली कर दिया, लेकिन नए नवेले मंत्री जब गृह प्रवेश के लिए पहुंचे तो बंगले के अंदरूनी हालात देखकर मंत्री जी की हालत खराब हो गई. कांग्रेस के मंत्री ने जाते-जाते बंगले की सूरत भी बदल डाली.

टीवी, गीजर, टोटी से लेकर बाथरुम फिटिंग तक गायब
छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनाने के बाद ये बंगला स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के खाते में आया था, लेकिन राज्य का स्वास्थ्य सुधारने से पहले श्याम बिहारी जायसवाल अपने सरकारी आवास की सेहत सुधारने में लगे हैं. छत पर पंखा टंगा है, लेकिन चल नहीं सकता क्योंकि स्विच बोर्ड ही नहीं हैं. कमरों में लगा पूरा का पूरा टीवी गायब है. बाथरूम की दीवार पर गीजर लगा था. अब सिर्फ उसके निशान बाकी हैं. बंगले में पानी की सप्लाई भी बंद है क्योंकि टोटी समेत बाथरुम फिटिंग गायब है.

क्या बोले नए मंत्री
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री नए श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, ‘बंगले में वहां पूरी तरह से जो सामान थे वो गायब हैं, वहां एसी गायब है, टेलीफोन गायब है, बाथरूम से आइना तक गायब है, किचन प्लेटफॉर्म पत्थर मिटी टोंटी लाइट गायब है. ऐसा लग रहा है जैसे मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया था तो मंदिरों के रत्न निकाल लिए थे. सरकारी आवास पर चोरी की गई है.’

आरोपों से नाराज हो गए पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा, मैं बात करूंगा अभी मंत्री जी से.  सार्वजनिक रूप से उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उनको जरूरत है तो वह खुद आ जाएं, मीडिया को बुला लें, अपने दो-चार दोस्त को बुला लें, जितना सामान उनको इशू हुआ था, एक-एक सामान गिनवा लें वहां पर. इस तरह किसी को बदनाम करने की कोशिश करना अच्छी बात नहीं है.

एमपी के 28 में से 22 मंत्री बेघर
छत्तीसगढ़ में तो खैर एक मंत्री का बंगला बदहाल है, लेकिन मध्य प्रदेश में करीब 75 फीसदी मंत्री बेहाल हैं. ज्यादातर मंत्रियों को सरकारी आवास ही नहीं मिला है, लेकिन बंगले सवाल सुनते ही बस एक बात बोलते हैं. सब चंगा सी. एमपी में सरकार बने हुए 23 दिन गुजर गए. नई कैबिनेट गठित हुए 10 दिन हो गए, लेकिन 28 में से 22 मंत्री बेघर हैं. शिवराज सरकार में 12 मंत्री-विधायक चुनाव हार गए, लेकिन बंगलों पर उनका कब्जा बरकरार है.

पुराने मंत्रियों ने नहीं छोड़े बंगले
नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, भूपेंद्र सिंह, प्रभुराम चौधरी, ऊषा ठाकुर, शिवराज सरकार में रहे दर्जन भर पूर्व मंत्री पुराने बंगलों से निकलने का नाम नहीं ले रहे इसीलिए मोहन यादव सरकार का कोई मंत्री कामकाज के बाद रिश्तेदार के घर जाकर सोता है तो किसी मंत्री ने गेस्ट हाउस में डेरा डाल रखा है.

पूर्व मंत्री, रिश्तेदारों और गेस्ट हाउस में डाला डेरा
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को बंगला नहीं मिला तो टेंपरेरी इंतजाम कर लिया. पूर्व विधायक और बेटे आकाश विजयवर्गीय के बंगले में शिफ्ट हो गए. कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल भी भोपाल में फिलहाल बेघर हैं. उनका ठिकाना पूर्व विधायक और भाई जालम सिंह पटेल का सरकारी आवास है.  डिप्टी सीएम तक को बंगला अलॉट नहीं हुआ है, लेकिन काम चल रहा है क्योंकि भोपाल खुद का घर है. दिक्कत उन मंत्रियों को ज्यादा है, जिनका ना भोपाल में कोई घर है  कोई पूर्व विधायक या पूर्व मंत्री रहा रिश्तेदार.

बंगलों की वीरानी का आलम कोई छत्तीसगढ़ की अकेली कहानी नहीं है. यूपी में भी सरकारी बंगले से नलके और फिटिंग गायब हुए थे. अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तो उनके सरकारी आवास की बाथरूम फिटिंग गायब मिली थी. बड़ी किरकिरी हुई थी समाजवादी पार्टी  सरकार की. टोटियां आज तक महंगी पड़ रही हैं.

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