पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. केंद्र सरकार से विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए फंड मिलता है. ममता का आरोप है कि केंद्र सरकार की तरफ से विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए राज्य के बकाए का भुगतान नहीं किया जा रहा है. ममता के धरने की शुरुआत शुक्रवार (3 फरवरी) को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुई, जो आज (4 फरवरी) भी जारी है.
बंगाल सरकार सबसे ज्यादा मनरेगा फंड को रोके जाने से केंद्र सरकार से नाराज है. ममता ने शुक्रवार को दोपहर एक बजे रेड रोड एरिया के मैदान में धरने की शुरुआत की है. इस धरने में टीएमसी के सभी बड़े नेता शामिल हुए हैं. जिस मैदान में ममता धरना दे रही हैं, वो बिल्कुल शहर के बीच में स्थित है. यहां मैदान में बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन शुरू किया गया. मंच के बगल में एक तंबू लगाया गया है ताकि प्रशासन संबंधी जरूरी काम किया जा सके.
तीसरी बार कर रही हैं धरना
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, टीएमसी नेताओं ने बताया है कि ममता बनर्जी के अलावा धरना देने वाले नेताओं में मंत्री फिरहाद हाकिम और अरूप विश्वास समेत कई प्रमुख नेता शामिल हैं. ये सभी नेता शुक्रवार रात धरनास्थल पर रुके रहे. टीएमसी सूत्रों ने बताया है कि लोकसभा चुनाव से पहले फंड को लेकर किया गया ये तीसरा धरना प्रदर्शन है.
इससे पहले, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और मनरेगा कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था. कोलकाता में राजभवन के बाहर पांच दिनों तक धरना भी दिया गया था. ममता ने पिछले साल मार्च में भी फंड रोके जाने के विरोध में दो दिनों तक धरना दिया था. ममता का ये धरना रविवार तक जारी रहने वाला है.
पीएम को लिखी चिट्ठी
वहीं, ममता बनर्जी ने यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा करने में देरी पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का खंडन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने रिपोर्ट को खामियों को भरा हुआ बताया है और कहा है कि इसकी वजह से एक खराब तस्वीर बनेगी. उनका कहना है कि कुछ लोग इस रिपोर्ट के जरिए सरकारी मशीनरी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं.