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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का बड़ा Action, 15 दिन में जमा न हुआ जुर्माना तो

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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औद्योगिक क्षेत्र स्थित डाईंग इंडस्ट्री सुमित नेट फैब पर बड़ा एक्शन लिया है।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औद्योगिक क्षेत्र स्थित डाईंग इंडस्ट्री सुमित नेट फैब पर बड़ा एक्शन लिया है। पंजाब के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से सुमित निट फैब के प्रबंधकों को उनके उद्योग का वेस्ट पानी सीवेज में बहाने के आरोप में 6 करोड़ 42 लाख 25 हजार का जुर्माना लगाया है।

विभाग की तरफ से निकाले गए आदेशों में यह साफ लिखा गया है कि यह जुर्माना पर्यावरण संरक्षण के तहत लगाया गया है। बोर्ड के आदेशों के मुताबिक सुमिट निट फैब लगातार 2005 से 2019 के बीच प्रदूषण से संबंधित नियमों की अवहेलना की है जिसके एवज़ में यह जुर्माना लगाया गया है।

वैट विभाग की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

इस पूरे मामले में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जी.एस.टी. विभाग (पहले वैट विभाग) से सुमित निट फैब को लेकर एक रिपोर्ट मांगी थी जिसमें पूछा गया था कि यह इंडस्ट्री कब से काम कर रही है तथा इसकी तरफ से किस तरह का काम चलाया जा रहा है।

विभाग ने जवाब में कहा था कि साल 2005 से सुमित नेट फैब डाइंग यूनिट का कारोबार करने वाली फर्में से रंग और रसायन खरीदे गए हैं जिससे साफ है कि इंडस्ट्री की तरफ से रंगाई प्रक्रिया चलाई जा रही है।

विभाग को कुछ बिल भी पेश किए गए थे जिसके आधार पर साफ हो रहा था कि यह इकाई 2005 से कपड़ों की रंगाई के व्यवसाय में है। बोर्ड की तरफ से जारी आदेशों के तहत सुमित निट फैब को उक्त 6 करोड़ 42 लाख 25 हजार का जुर्माना जमा करवाने के लिए केवल 15 दिन का समय दिया गया है।

पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने के एवज़ में लगाए गए इस जुर्माने की राशि अगर तय समय तक जमा नहीं होती तो विभाग की तरफ से जुर्माना वसूली के लिए अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि इसके बाद कोई अन्य नोटिस जारी नहीं किया जाएगा तथा पर्यावरण इंजीनियर लुधियाना को इस मामले में अगली कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।

शिकायत के आधार पर तैयार हुई एस.आई.टी. ने की थी जांच

इस पूरे मामले को लेकर पिछले काफी समय से विभागों की खाक छान रहे शिकायतकर्ता सुनील वर्मा ने पर्यावरण को बचाने के लिए यह अभियान शुरू किया था। पंजाब केसरी ने अपने 22 मई 2024 के अंक में खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद विभाग इस मामले में और सक्रिय हो गया तथा अब इस संबंध में जुर्माना मुकरर कर दिया गया है।

सुनील वर्मा की शिकायत पर एक्शन लेते हुए पी.पी.सी.बी. ने एसआईटी टीम गठित कर सुमित नेट फैब डाइंग यूनिट की जांच की थी। एस.आई.टी. टीम के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि सुमित नेट फैब द्वारा उपयोग किए गए 2026 किलो लीटर पानी की निकासी का कोई हिसाब नहीं रखा गया है।

इस प्रकार यह संभावना जताई गई थी कि सुमित नेट फैब द्वारा अपने उद्योग के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी पानी को डायवर्ट कर दिया गया है। यह भी साफ हो रहा था कि पानी नगर निगम के सीवरेज में डाला जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त रंगाई में बिना मीटर के पानी का उपयोग किया जा रहा था, इसके साथ ही रंगाई में लगाए गए आर. ओ. के रख-रखाव का कोई बिल भी रंगाई मालिक ऋषि जेठी प्रस्तुत नहीं कर सके, इसमें कई खामियां दर्ज की गईं रिपोर्ट के बाद पीपीसीबी ने सुमित नेट फैब डाइंग का बिजली कनेक्शन काट दिया था।

अभी जुर्माना और लगना बाकी हैः सुनील वर्मा

उधर शिकायतकर्ता सुनील वर्मा का कहना है कि मामले को लेकर उन्होंने सभी प्रमाण विभाग को दिए थे जिसके आधार पर यह एक्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि  पंजाब प्रदूषण नियंत्रण ने 2005 से 2019 तक सुमित नेट फैब पर उक्त जुर्माना लगाया है। अभी 2019 से 2024 तक का जुर्माना लगना बाकी है। उन्होंने कहा कि सुमित नेट फैब पर 3 करोड़ का अनुमानित जुर्माना और लगाया जा सकता है जिसके प्रमाण विभाग को दिए जा चुके हैं। उन्होंने पी.पी.सी.बी. की कार्रवाई के लिए अधिकारियों की सराहना की है।

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