पेरिस ओलंपिक में एक और बड़े विवाद ने जन्म ले लिया है।
पेरिस ओलंपिक में एक ऐसा विवाद सामने आया है जिसने पूरी दुनिया के खेल प्रेमियों को हिलाकर रख दिया है.पेरिस ओलंपिक में आरोप लगा है कि एक महिला बॉक्सर का मुकाबला एक पुरुष मुक्केबाज से करा दिया गया।
. जी हां चौंकिए नहीं, मामला महिलाओं की वेल्टरवेट कैटेगिरी का है जिसके प्री-क्वार्टर फाइनल में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी और अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ के बीच टक्कर हुई।
लेकिन ये फाइट महज 46 सेकेंड में खत्म हो गई। दरअसल कुछ पंच लगने के बाद ही इटली की बॉक्सर ने ये मैच छोड़ दिया और अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ को विनर घोषित कर दिया गया।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि खेलीफ को 2023 में वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल से पहले लिंग जांच में फेल होने के कारण डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था।
इमान खेलीफ पर है पुरुष होने का आरोप
इमान खेलीफ का पेरिस ओलंपिक में खेलना काफी विवादित है. इस विवाद की बड़ी वजह उनका वो टेस्ट है जो इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने पिछले साल कराया था।
इमान खेलीफ की जब जांच हुई तो पाया गया कि उनका टेस्टोस्टेरोन काफी ज्यादा था और इसके साथ-साथ उनके डीएनए टेस्ट में XY क्रोमोज़ोम्स मिले थे।
XY क्रोमोज़ोम्स का मतलब मतलब लड़का होता है. लड़की के क्रोमोज़ोम्स XX होते हैं. इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने इसी वजह से खेलीफ को बैन किया था।
इसके बाद अल्जीरिया की बॉक्सर ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी लेकिन बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया. कुल मिलाकर डीएनए टेस्ट से यही साबित हुआ कि इमान खेलीफ लड़की हैं ही नहीं।
पेरिस ओलंपिक में कैसे मिले मौका?
अब सवाल ये है कि इतने बड़े आरोप के बावजूद इमान खेलीफ को पेरिस ओलंपिक में खेलने का मौका मिल कैसे गया? दरअसल ओलंपिक खेलों में बॉक्सिंग के मुकाबले आईबीए नहीं करा रही है ।
इन मुकाबलों का सारा जिम्मा इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के हाथ में ही है जिसने साल 1999 में सारे टेस्ट बंद कर दिए थे. ओलंपिक में खेलने के लिए महिला बॉक्सर्स को अब सिर्फ अपने महिला होने का सर्टिफिकेट देना होता है।
हारने वाली बॉक्सर ने क्या कहा?
इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी ने मैच के बाद इशारों ही इशारों में इस मैच पर ही सवाल खड़े कर दिए। मैच के बाद इटली की बॉक्सर काफी देर तक रोती रहीं। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी में कभी इतना तेज पंच नहीं महसूस किया है । अब आईओसी को इस पर फैसला लेना है ।’