बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भारत को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भारत को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले 15 सालों में शेख हसीना भारत की करीबी सहयोगी रही हैं, और उनके कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए थे। लेकिन अब बांग्लादेश की स्थिति में बदलाव के कारण भारत को नई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं ये पांच प्रमुख चुनौतियाँ:
1. अंतरिम सरकार का स्वरूप
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार उज जमान ने अस्थायी सरकार की जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से सहयोग की अपील की है, लेकिन अस्थायी सरकार का स्वरूप क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। यह निर्णय बांग्लादेश की भविष्य की राजनीति को प्रभावित करेगा और इसका असर भारत पर भी पड़ेगा।
2. शेख हसीना पर निर्भरता
पिछले 15 सालों में भारत ने शेख हसीना का खुलकर समर्थन किया, जबकि बांग्लादेश की विपक्षी पार्टियों के साथ भारत के संबंध उतने अच्छे नहीं रहे। अब बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल बन चुका है। भारत की मोदी 3.0 सरकार को इस नई स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
3. ढाका से आवागमन पर असर
नई सरकार भारत के साथ आवागमन और अन्य मुद्दों पर पुनर्विचार कर सकती है। बांग्लादेश भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्ति मार्ग है। इसलिए, भारत को ढाका की अस्थायी सरकार के साथ सहयोग करना होगा।
4. जमात और पाकिस्तान का प्रभाव
खबरों के अनुसार, ढाका की अस्थायी सरकार में जमात ए इस्लामी का प्रभाव बढ़ सकता है। जमात के कार्यकर्ताओं ने शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाई। जमात का पाकिस्तान के साथ संबंध भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि हसीना ने पाकिस्तान को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करने से रोका था।
5. चीन की चुनौती
चीन ने बांग्लादेश में भारी निवेश किया है और वहां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। अगर बांग्लादेश की नई सरकार चीन के साथ समझौते करती है, तो यह भारत के लिए समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
भारत अब ऐसे पड़ोसियों से घिर गया है, जो राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं। पश्चिम और उत्तर में पाकिस्तान और चीन, नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार, अफगानिस्तान में तालिबान, मालदीव में भारत विरोधी स्थिति, और अब बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर रहे हैं।