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Credit Card पर Loan Default कर रहे ग्राहक हो जाएं सावधान, Home Loan में 30% की गिरावट

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हालिया ट्रांस यूनियन सिबिल रिपोर्ट के अनुसार

हालिया ट्रांस यूनियन सिबिल रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में शेष राशि पर चूक यानी बैलेंस लेवल डिलिक्वेंसीज में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि देखी जा रही है। वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जून 2024 तक) में, यह चूक 1.8% दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 17 आधार अंक ज्यादा है। यह वृद्धि तब देखी गई है, जबकि व्यक्तिगत ब्याज सहित अन्य सभी ब्याज सेगमेंट में कर्ज के भुगतान में चूक कम हो रही है।

क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में लगातार बढ़ती चूक: मार्च 2024 में क्रेडिट कार्ड पर चूक 1.7% थी, जबकि जून 2023 में यह 1.68% थी। इस सेगमेंट में पिछली चार तिमाहियों से लगातार वृद्धि हो रही है, जो इस क्षेत्र में ऋण चुकौती से जुड़ी बढ़ती चुनौतियों का संकेत है।

अन्य ऋणों में सुधार: जून 2024 तक, Home Loan सेगमेंट में चूक 0.9% दर्ज की गई, जबकि संपत्ति के बदले ऋण (LAP), वाहन ऋण, व्यक्तिगत ऋण और उपभोक्ता वस्तुओं पर ऋण की चूक दर क्रमशः 1.6%, 0.6%, 1.2% और 1.4% रही। इससे स्पष्ट होता है कि क्रेडिट कार्ड सेगमेंट को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में चूक की दर कम हो रही है।

खुदरा ऋण की धीमी वृद्धि: रिपोर्ट में बताया गया कि खुदरा ऋण में वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई है। क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (CMI) जून 2023 के 96 से सुधरकर जून 2024 में 102 पर पहुंच गया, जिससे कुल मिलाकर चूक के मामले में सुधार का संकेत मिलता है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में चार तिमाहियों से चूक लगातार बढ़ रही है।

क्रेडिट कार्ड चूक के कारण: केयर रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर सौरभ भालेराव का मानना है कि क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में चूक का बढ़ना नए ग्राहकों के लिए चुनौती हो सकता है, जो क्रेडिट कार्ड भुगतान के तरीकों से तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। इस सेगमेंट का बैंकिंग सेक्टर के कुल व्यक्तिगत ऋण में हिस्सा मात्र 5% है, फिर भी इसमें बढ़ती चूक चिंताजनक है।

नई ऋण योजनाओं में कमी: रिपोर्ट में बताया गया है कि नए ऋण खाते खुलने की संख्या में कमी आई है। Home Loan में 30% की गिरावट देखी गई, और Credit card ऑरिजिनेशन में भी सालाना आधार पर 30% की कमी दर्ज की गई है।

ट्रांस यूनियन सिबिल के एमडी और Ceo राजेश कुमार ने कहा, “नियामक दिशानिर्देश और तुलनात्मक रूप से उच्च ऋण-जमा अनुपात के कारण खुदरा ऋण में थोड़ी सुस्ती देखी जा रही है।”

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