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हरियाणा: वो 5 मौके, जब नेताओं के काम नहीं आया राम रहीम का चुनावी समर्थन, मिली बुरी हार

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गुरमीत राम रहीम को चुनाव के वक्त फिर से पेरौल मिल गई है.

हरियाणा चुनाव के बीच गुरमीत राम रहीम की पैरोल सुर्खियों में है. चुनाव आयोग ने जहां सरकार की मांग पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को जेल से बाहर आने की हरी झंडी दे दी है, वहीं कांग्रेस ने इसका विरोध किया है. कांग्रेस का कहना है कि राम रहीम को अगर जेल से बाहर आने दिया गया, तो वे चुनाव को प्रभावित करेंगे.

हरियाणा में राम रहीम को लेकर एक मिथक भी है कि वे जेल से बाहर आते हैं तो चुनाव को प्रभावित करते हैं. हालांकि, राम रहीम के समर्थन देने से जुड़े जो आंकड़े हैं, वो ठीक इसके उलट हैं. यानी राम रहीम ने हरियाणा या उसके बाहर जब-जब बड़े चुनाव में किसी का खुलकर समर्थन किया है, तब-तब नतीजे उलट आए हैं.

जब राजनीतिक दलों के काम नहीं आए राम रहीम

1. समर्थन के बावजूद बीजेपी बुरी तरह हारी– 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को अपने पक्ष में करने के लिए मजबूत फील्डिंग लगाई. उस वक्त राम रहीम से मिलने बीजेपी के तत्कालीन चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय सिरसा गए थे.

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