मध्य प्रदेश के बहुत से जिलों में खाद की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है।
मध्य प्रदेश के बहुत से जिलों में खाद की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ऐसा हो गया है कि खाद लेने के लिए लाइन में लगे-लगे किसानों को पांव थक चुके हैं। ऐसे में किसानों ने खाद केंद्रों के बाहर अपनी बारी के इंतजार में आधार कार्ड लाइन लगा दिए हैं। ये स्थिति केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र में है। खाद लेने के लिए किसानों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री इन दिनों उपचुनावों के चलते बुधनी प्रचार करने भी आ रहे हैं। सीहोर केंद्रीय कृषि मंत्री का ग्रह जिला है। लेकिन किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। बीते एक महीने से मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों से खाद कि किल्लत की शिकायत आ रही हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा। मध्य प्रदेश में खाद वितरण केन्द्रों पर किसानों की लंबी लाइने लगी हुई है।
खाद लेने के लिए किसानों का नंबर पांच-छह घंटे में आ रह है। कई बार ऐसा हुआ है कि किसान लाइन में लगे रहते हैं और जब नंबर आता है तो खाद खत्म हो जाता है। ऐसे हालात में सुबह जल्दी या फिर रात से ही किसान खाद वितरण केंद्रों के बाहर पहुंच रहे हैं। लाइन में खड़े-खड़े उनके पैर दुखने लगे, तो किसानों ने वहां आधार कार्ड रख दिए हैं।
खाद लेने आए किसानों ने कहा कि खाद के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जितनी खाद चाहिए, उतनी नहीं मिल रही। कई घंटों से लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन खाद नहीं मिल रहा है। किसानों के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है।
जानकारी के अनुसार रबी की फसल के लिए सिर्फ सीहोर ही में 80 हजार टन खाद की आवश्यकता है। अभी तक 23 हजार टन से अधिक यूरिया आया हैं। ऐसे में किसानों के सामने खाद का संकट खड़ा हो गया है। यही हाल DAP का भी है। DAP की मांग 29 हजार टन है लेकिन आया सिर्फ 8232 टन है।
वहीं, खाद के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को सरकार की तरफ से सिर्फ भरोसा मिल रहा है लेकिन संकट का समाधान कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। रबी की बोवाई पीक पर है लेकिन किसानों के पास खाद उपलब्ध नहीं है।