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गले में तख्ती, हाथ में बरछा… Punjab के पूर्व Deputy CM Sukhbir Singh Badal

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शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सु Sukhbir Singh Badal की आज से सजा शुरू हो गई है.

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तख्त की ओर से धार्मिक सजा दी गई है. इसी के बाद आज वो गले में पट्टिका लटकाए व्हीलचेयर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे. इस सजा के तहत बादल को स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में काम करना होगा और दरवाजे पर ड्यूटी देनी होगी और लंगर की सेवा करनी होगी.
अकाल तख्त ने 2007 से 2017 तक पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ का हवाला देते हुए उन्हें यह सजा सुनाई है. सुखबीर सिंह बादल को पैर में चोट लगी है. चोट के चलते 3 दिसंबर से 2 दिन के लिए वो श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर वो ड्यूटी करेंगे.
सुखबीर बादल के गले में जो इस समय तख्ती दिखाई दे रही है वो इस सजा के दौरान अकाल तख्त की ओर से पहनाई गई माफी की तख्ती है और साथ ही उनके हाथ में बरछा दिखाई दे रहा है. उनकी यह सजा शुरू हो गई है और वो यह सजा निभा रहे हैं. अगले दो दिनों तक वो यहां सजा भुगतेंगे.
सुखदेव सिंह ढींडसा भी सजा काटने के लिए पहुंचे. उन के भी गले में तख्ती और हाथ में बरछा नजर आया. उन्होंने सजा काटने को लेकर कहा, जो सेवा के लिए हुकूम हुआ है, वो तो मेरे लिए हुकूम है. परमात्मा का हुकूम है. अपनी सजा की बात करते हुए उन्होंने कहा, हम पहले गेट पर रुकेंगे उसके बाद लंगर की सेवा करेंगे.
Sukhbir Singh Badal
पहले वो दो दिन श्री दरबार साहिब में सेवादार की ड्यूटी करेंगे. इसके बाद वो 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, फिर 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में गले में तख्ती पहन और हाथ में बरछा लेकर सजा काटेंगे.
सजा में मिली छूट
सिर्फ सुखबीर सिंह बादल ही नहीं बल्कि 2007 से 2017 के दौरान शिअद कैबिनेट में मंत्री के रूप में काम करने वाले बाकी सिख नेताओं के लिए भी धार्मिक सजा का ऐलान किया गया है.
हालांकि, सुखबीर सिंह बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा को भी अकाली दल के बाकी नेताओं की तरह गुरुद्वारों के वॉशरूम धोने और लंगर हॉल के बर्तन साफ करने की सजा दी गई थी, लेकिन सुखबीर बादल के पैर में चोट लगे होने के चलते और सुखदेव सिंह ढींडसा का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन दोनों की ही सजा में छूट दी गई और व्हील चेयर पर ही बैठकर सेवादार की ड्यूटी करने का आदेश दिया गया.
क्यों मिली सजा
श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सुखबीर सिंह बादल को ये सजा उनके कई गुनाहों के चलते सुनाई गई है. उन पर सबसे बड़ा आरोप यह था कि उन्होंने साल 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दर्ज मामले को वापस ले लिया था और इसे एक तरीके से राम रहीम को माफ करना समझा गया था.
उन पर दूसरा आरोप यह लगा था कि उन्होंने वोट बैंक के लिए अपने पंथ यानी धर्म के साथ गद्दारी की. उन पर तीसरा आरोप ये था कि उनकी सरकार के दौरान बरगाड़ी बेअदबी मामले की सही तरह से जांच नहीं करवाई गई थी.
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