बिहार में एक ट्रेन में आग लग गई।
बिहार से मुंबई आने वाली ट्रेन नंबर 22972 पटना-बांद्रा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अचानक आग लग गई, जिसे देखकर यात्रियों में चीख पुकार मच गई। आग ट्रेन की जनरल बोगी में लगी थी और हादसा बक्सर के टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन के पास हुआ।
बोगी में लगी आग को रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों ने देखा तो पायलट को सूचना दी। पायलट ने ट्रेन को दानापुर-डीडीयू रेलखंड के स्टेशन डुमरांव पर रोका।
स्टेशन मास्टर ने रेलवे कंट्रोल रूम, GRP और फायर ब्रिगेड को दी, जिन्होंने मौके पर आकर कोच में लगी आग को बुझाया। इसके बाद रेलवे कर्मियों ने जली हुई बोगी को अलग करके ट्रेन को मुंबई के लिए रवाना किया।
हादसा बुधवार रात करीब 1 बजे हुआ। वहीं ट्रेन स्टेशन पर करीब 3 घंटे रुकी रही। रेल मंत्रालय ने हादसे की रिपोर्ट तलब की है। बताया जा रहा है कि करीब 3 घंटे तक ट्रेन की हर बोगी खंगाली गई, ताकि आग लगने का सुराग मिल सके।
रेलवे कर्मियों की तत्परता से बची जानें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। 13 सदस्यों वाली फायर ब्रिगेड टीम ने बचाव अभियान चलाया। पुलिस जवानों ने रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर सवारियों को बोगियों को नीचे उतारा।
इसके बाद उनके सामान की चैकिंग की गई। एक-एक बोगी को तलाश गया, ताकि आग लगने के कारण पत चल सके। घटनाक्रम के दौरान यात्रियों में दहशत फैली रही, लेकिन रेलवे कर्मचारी और पुलिस जवान उन्हें संभालते दिखे।
ट्रेन के जिस कोच में आग लगी थी, उसे रेलवे के इंजीनियरों ने काटकर अलग किया। इसके बाद ट्रेन को बांद्रा भेजा गया। इस दौरान 3 घंटे तक रेलवे कर्मियों और पुलिस में अफरा तफरी मची रही।
रेलवे अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। रेलवे कर्मियों की तत्परता से आग लगने से समय रहने पता चल गया। अगर आग लगी रहती और ट्रेन दौड़ती रहती तो 500 से ज्यादा यात्रियों की जान को खतरा था, हादसा हो सकता था।
फायर ब्रिगेड अधिकारी विनोद कुमार ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि आग ट्रेन के LLB कोच के पहिए और एक्सल के बीच भड़की थी। इसे बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं किया, क्योंकि चक्का और कूलेंट जाम हो सकता था। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने एक्सटिंग्विशर सिलेंडर इस्तेमाल करके बेहद सूझबूझ के साथ आग बुझाई।