Punjab के वित्त मंत्री Harpal Cheema ने जेट फ्यूल को GST के दायरे में लाने वाले प्रस्ताव का विरोध किया।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा रविवार को जैसलमेर में आयोजित GST काउंसिल की बैठक में शामिल हुए। यहां उन्होंने जेट फ्यूल को GST के दायरे में लाने वाले प्रस्ताव का विरोध किया और इसे विफल करने में सफल हुए।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) को GST के दायरे में न लाया जा सके। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि बैठक में कई राज्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
पंजाब वित्त मंत्री ने किया प्रस्ताव का विरोध
पंजाब वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बैठक में इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया। साथ ही कहा कि कई राज्यों का मानना है कि यह रिटेल फ्यूल को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में पहला कदम होगा, जिससे राज्यों के टैक्स रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा खत्म हो जाएगा।
वर्तमान में, पंजाब पेट्रोल और डीजल पर VAT (मूल्य वर्धित कर) के रूप में हर साल 5,000 करोड़ रुपये और ATF पर हर साल 105 करोड़ रुपये कमाता है।
क्या था प्रस्ताव में?
बैठक के दौरान GST काउंसिल के सामने रखे गए इस प्रस्ताव में कहा गया कि जब ATF के उत्पादन के लिए अधिकांश इनपुट जीएसटी के तहत हैं, ईंधन इसके दायरे से बाहर क्यों है। एटीएफ के मूल्य पर वैट लागू होता है, जिसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क का भुगतान शामिल होता है। इसके परिणामस्वरूप टैक्स का कैस्केडिंग होता है।
एटीएफ के निर्माता अपने इनपुट पर भुगतान किए गए जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने में असमर्थ हैं। एटीएफ की लागत में शामिल हो जाता है, जिससे सिविल एविएशन इंडस्ट्री के लिए इसकी लागत बढ़ जाती है।