केंद्र सरकार फिलहाल मनमोहन मेमोरियल के लिए राजघाट के समीप 1.5 एकड़ जमीन तलाश रही है।
केंद्र सरकार को अभी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन आवंटित करने में कुछ दिन और लगेंगे। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि स्मारक के निर्माण के लिए जगह केवल ट्रस्ट को दी जा सकती है, जो कि अभी तक नहीं बन पाया है। सरकारी सूत्रों की मानें तो पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक मामले में भी अटल समिति न्यास को जमीन आवंटित की गई थी। जोकि उनकी मृत्यु के एक महीने बाद बना था।
सरकारी अधिकारियों की मानें तो सरकार स्मारक के लिए जमीन आवंटित कर सकती है, लेकिन इसका निर्माण ट्रस्ट ही कर सकता है। फिलहाल सरकार राजघाट क्षेत्र में स्मारक निर्माण के लिए जमीन की तलाश कर रही है। इसमें कुछ दिन और लग सकते हैं। क्योंकि ट्रस्ट ही जमीन के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसे में फिलहाल ट्रस्ट का निर्माण नहीं हुआ है।
अटल ट्रस्ट के सदस्य ने क्या बताया
मामले में अटल ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। इसके बाद हमने स्मारक के लिए आवेदन किया। मामले में सीपीडब्ल्यूडी और ट्रस्ट के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। ट्रस्ट के निर्माण के लिए सीपीडब्ल्यूडी को फंड जारी किया गया था। बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक 1.5 एकड़ जमीन पर बना है। जहां 17 अगस्त 2018 को उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
कांग्रेस बोली- स्मारक को लेकर कोई जानकारी नहीं
टीओआई से मिली जानकारी के अनुसार सरकार अब मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट के आसपास 1.5 जमीन की तलाश कर रही है। ट्रस्ट के पंजीकरण में कम से कम 4-5 दिन लगते हैं। वहीं कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो उनके पास स्मारक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि फिलहाल राजघाट क्षेत्र में 19 स्मारक हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और डिप्टी पीएम के स्मारक भी शामिल हैं। राजघाट में संजय गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की पत्नी ललिता शास्त्री के स्मारक भी बने हैं।