जम्मू-कश्मीर सरकार ने सेफ्टी को देखते हुए राज्य के अंदर दर्जनों रिसॉर्ट और कई मशहूर पर्यटक स्थलों को बंद करने का फैसला लिया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले सप्ताह हुए आतंकवादी हमलों के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा और ज्यादा आतंकवादी हमलों की संभावना की चेतावनी दिए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर भर में 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद घाटी में कुछ सीक्रेट सेल एक्टिव हो गए हैं और उन्हें अभियान शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) गैर-स्थानीय लोगों, सीआईडी कर्मियों और कश्मीरी पंडितों पर खासतौर से श्रीनगर और गंदेरबल जिलों में टारगेट अटैक का प्लान बना रही है। वहीं, सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल कैंपेन ग्रुप से एंटी-फिदायीन दस्तों को गुलमर्ग, सोनमर्ग और डल झील के एरिया समेत सेंसिटिव पर्यटन जगहों पर तैनात किया है।
NIA ने शुरू की जांच
सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू कर सैकड़ों संदिग्धों और आतंकवाद समर्थकों को हिरासत में लिया है। क्योंकि वे पहलगाम नरसंहार के अपराधियों की तलाश कर रहे हैं, जिसमें एक स्थानीय आतंकवादी भी शामिल था। अधिकारियों ने घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के कई घरों को भी नष्ट कर दिया है।
इस बीच, पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मौके पर जांच शुरू कर दी है। एजेंसी घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी, जिनमें जिपलाइन सुविधा से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
क्या होगा इसका असर?
पहलगाम आतंकी हमले का असर कश्मीर के पर्यटन पर सबसे ज्यादा हो सकता है। कई लोग वहां पर बिजनेस शुरू करना, होटल खोलना या फ्रूट्स बिजनेस करना चाह रहे थे, उनके लिए अब बिजनेस करना काफी मुश्किल हो सकता है। इस हमले से कश्मीर की इकोनॉमी पर भी असर होगा, जो कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद थोड़ी बहुत सही हो रही थी। इसके साथ ही कश्मीर के आम लोगों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।