रवनीत बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू को सियासत गरमाती हुई नजर आ रही है। रवनीत बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजने की बीजेपी की कोशिशों का अंदर ही अंदर विरोध होने लगा है। रवनीत बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इसी बीच बीजेपी ने उन्हें लुधियाना से टिकट दिया लेकिन रवनीत बिट्टू कांग्रेस उम्मीदवार राजा वड़िंग से हार गए।
लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने रवनीत बिट्टू को केंद्र में मंत्री बनाया गया। अब बीजेपी हरियाणा में सिख फेस लाने के लिए रवनीत बिट्टू पर दाव खेलने जा रही है। हरियाणा में खाली हुई सीट से राज्यसभा जाने का सपना देख रहे बीजेपी नेताओं को जब यहां से रवनीत बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी के बारे में पता चला तो उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब ने हमेशा ही हरियाणा के हितों की अनदेखी की है। एसवाईएल नहर के पानी का मुद्दा भी हरियाणा और पंजाब सरकार के बीच लंबित है।
इसके अलावा राजधानी और हाईकोर्ट समेत कई मुद्दों पर पंजाब के नेताओं की राय हरियाणवियों से अलग है। उक्त नेताओं का कहना है कि रवनीत बिट्टू कांग्रेस की टिकट पर श्री आनंदपुर साहिब और लुधियाना से 3 बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में अगर बीजेपी उन्हें हरियाणा में सिख चेहरे के तौर पर लाती है तो पार्टी से पहले से जुड़े सिख नेताओं और राज्यसभा की दौड़ में शामिल पार्टी के समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ जाएगी। उक्त नेताओं का कहना है कि अगर भाजपा किसी सिख को राज्यसभा भेजना चाहती है तो उसका हरियाणा मूल का होना जरूरी है।